लमकेनी जलाशय में विगत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष जल भराव में आई कमी
सरायपाली(काकाखबरीलाल). विगत 1 एवं 2 सितम्बर की रात हुए मूसलाधार बारिश ने विगत 10 वर्ष के औसत वर्षा का रिकार्ड तोड़ दिया है. विगत 10 वर्षों में 6 सितम्बर की स्थिति में अधिकतम 1078.1 वर्षा हुई थी. लेकिन इस वर्ष 1088.60 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड किया गया है. विगत 27 अगस्त की स्थिति में यह आंकड़ा 4 प्रतिशत पीछे था, जो सप्ताह भर के अंदर ही इसने विगत दस साल के रिकार्ड को भी पार कर दिया. बारिश से जलाशयों के जलभराव में सुधार हुआ है. ब्लॉक में 14 जलाशय हैं, जिसमें से 7 जलाशयों में उलट शुरू हो गया है. जबकि 2 जलाशयों में 70 प्रतिशत से अधिक जलभराव हो चुका है.
लघु सिंचाई जलाशयों में से सबसे बड़ा सिंगबहाल जलाशय है, जो कि 1478 हेक्टेयर में है, वहीं सबसे कम मोखापुटका 36 हेक्टेयर में है. इसी प्रकार जल भराव क्षमता भी सबसे अधिक सिंगबहाल जलाशय में 6.052 मिलियन क्यूबिक मीटर और सबसे कम कोसमपाली जलाशय में 0.150 मिलियन क्यूबिक मीटर है. विगत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष जल भराव में बहुत अधिक सुधार हुआ है. विगत वर्ष राजाडीह जलाशय में 47.63 प्रतिशत जल भराव था, जो इस वर्ष 35.19 प्रतिशत हो गया है. इसी तरह लमकेनी जलाशय में 28.73 प्रतिशत था जो घटकर 19.14 प्रतिशत हो गया. वहीं मोखापुटका में गेट क्षतिग्रस्त होने के कारण यहां की प्रतिशतता का उल्लेख नहीं किया गया है. महल जलाशय में विगत वर्ष 60.30 प्रतिशत जलभराव था, जिसमें इस वर्ष 100 प्रतिशत जल भराव के साथ उलट शुरू हो गया है. थीपापानी जलाशय में 13.94 प्रतिशत से बढ़कर 50.61 प्रतिशत हो गया. कोसमपाली जलाशय में 5.71 प्रतिशत से बढ़कर 55.23 प्रतिशत हो गया. बंदलीमाल जलाशय में 10.82 प्रतिशत से बढ़कर 83.73 प्रतिशत पहुंच गया. सिंघोड़ा जलाशय में 86.20 प्रतिशत से बढ़कर 100 प्रतिशत के साथ उलट शुरू हो गया है. घोरघाटी जलाशय में 100 प्रतिशत था जो इस वर्ष भी 100 प्रतिशत पहुंच गया है. पैकिन जलाशय में 65.87 से बढ़कर 100 प्रतिशत, छिर्रापाली जलाशय में 48.12 प्रतिशत से बढ़कर 71 प्रतिशत पहुंच गया. कालीदरहा जलाशय में100 प्रतिशत था अब 100 प्रतिशत के साथ उलट शुरू हो गया है, वहीं सिंगबहाल जलाशय में विगत वर्ष 100 प्रतिशत जलभराव हुआ था, जिसमें इस वर्ष भी 100 प्रतिशत के साथ ऊपरी पानी का बहाव शुरू हो गया है।