भंवरपुरमहासुमंद

आजादी के 70 साल बाद भी इस ग्राम में पहुंच मार्ग नही,खेतों की मेड़ों के सहारे चल रही है जिंदगी

भंवरपुर – यह तस्वीर किसी सर्कस की नहीं है ,यह तस्वीर किसी स्टंटबाज की भी नहीं है और न ही यह तस्वीर बस्तर के किसी अबूझमाड़ इलाके की है। यह तस्वीर है ग्राम गस्तीडीपा के नारायण पटेल की जिसने पिछले दिनों बारिश की वजह से पगडंडी खराब हुई तो साइकिल को कंधे पर लाद कर चलने मजबूर हुआ। जिस साइकिल पर सवार होकर वह मंजिल का सफर तय करता है उसी साइकिल को कंधे पर लादकर मंजिल की ओर निकल पड़ा। यह कैसी विडंबना है कि एक तरफ हम 21वीं सदी की बात करते हैं, चांद पर जाने की बात करते हैं और मंगल ग्रह पर घर बसाने की बात करते हैं मगर आजादी के 70 साल बाद भी ग्राम गस्तीडीपा के लिए पँहुच मार्ग क्यों नहीं बन पाया ? इस पर बात नहीं करते। ग्रामीण आज भी खेतों की मेड़ों की से होकर पूरी जिंदगी गुजार रहे हैं ।सूखे के मौसम में तो किसी तरह गस्तीडीपा पहुंच जाते हैं मगर बारिश होते ही गस्तीडीपा पहुंचना मुश्किल हो जाता है।बरसात के दिनों छात्रों को स्कूल पहुंचना हो या फिर मरीज को अस्पताल पहुंचाना हो, किन हालातों से होकर गुजरना पड़ता है यह तो ग्रामीण ही जानते हैं।
बसना विकासखंड के ग्राम पंचायत दुर्गापाली के आश्रित ग्राम कापुडीह का एक मोहल्ला है गस्तीडीपा जहां के लिए आज भी पहुंच मार्ग नहीं बन पाया है ।कई पीढ़ियां गुजर गई मगर आज भी जिंदगी खेतों की मेड़ों के सहारे चल रही है। पहुंच मार्ग नहीं बन पाने से गस्तीडीपा के लोगों की जिंदगी किसी कालापानी की सजा से कम नहीं है ।पिछले शनिवार को बारिश क्या हुई गस्तीडीपा वासियों के लिए आफत खड़ी हो गई ।जिन खेतों की मेड़ों से होकर गस्तीडीपा के लोग आना जाना करते थे वह पगडंडी कीचड़ में तब्दील हो गई। लोग कुछ समय के लिए गांव में ही कैद हो गए । सायकल, मोटर-साइकल निकालना मुश्किल हो गया। तब गांव के नारायण पटेल को किसी काम से बाहर जाना जरूरी हो गया तो कंधे पर साइकिल उठाकर चल पड़ा ।गांव से रोहिना तक करीब 1 किलोमीटर खेतों की मेड़ों से होकर चलना पड़ता है ।थोड़ी सी बारिश हुई तो ये हाल, तो फिर बरसात के दिनों किन मुश्किल हालातों से हो कर ग्रामीणों को गुजरना पड़ता होगा सहज रूप से अनुमान लगाया जा सकता है ।

पहुंच मार्ग के लिए सरपंच की बड़ी पहल

गस्तीडीपा तक पहुंच मार्ग इसलिए नहीं बन पा रहा है क्योंकि ग्राम कापुडीह की ओर कुछ दूरी तक मनरेगा के तहत मार्ग तो बन गया मगर आगे का मार्ग इसलिए नहीं बन पा रहा है क्योंकि कुछ निजी जमीन आ रहा है ।निजी भूस्वामी जमीन देने को तैयार नहीं हो रहे हैं । पिछले दिनों पहुंच मार्ग के लिए दुर्गापाली सरपंच विश्राम पटेल, बिछिया उपसरपंच दिनेश पटेल, रोहिना के कमलेश साहू, गस्तीडीपा के शंभूनाथ यादव, पंच सखाराम यादव की पहल पर पंचायत बुलाई गई। पंचायत में ही कृषक शिवप्रसाद पिता अहिबरण, शंभूनाथ पिता अहिबरण, सखाराम पिता रेशम, संतराम पिता रूपधर, कुलेश्वर पिता उसत, शौकीलाल पिता हीरालाल, रामचरण पिता सुखदेव ने अपनी अपनी निजी जमीन को पहुंच मार्ग के लिए दान करने सहमत हुए और स्टांप पेपर में दान पत्र संपादित किए ।अब ग्रामीणों को उम्मीद है कि इस सहमति के पश्चात पहुंच मार्ग बनाने का मार्ग प्रशस्त होगा। इधर पंचायत ने भी पहुंच मार्ग बनाने की कार्यवाही करते हुए स्वीकृति के लिए शासन को प्राक्कलन भेजा है।शासन को चाहिए कि जल्द ही पहुंच मार्ग की स्वीकृति प्रदान कर ग्रामवासियों की सदियों पुरानी मांग को पूरा करे।

“पिछले 16 जनवरी को गस्तीडीपा में पंचायत बुलाकर पहुंच मार्ग को लेकर चर्चा की गई। किसानों में पहुंच मार्ग के लिए जमीन देने की सहमति बनी और स्टांप पेपर में दान पत्र संपादित किए । पहुंच मार्ग की स्वीकृति के लिए प्रपोजल बनाकर शासन को भेजा गया है। मनरेगा के तहत स्वीकृति मिलते ही पहुंच मार्ग का निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाएगा।”
विश्राम पटेल
सरपंच ग्राम पंचायत दुर्गापाली

Ramkumar Nayak

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