एअरपोर्ट पर हेल्पडेस्क से बचकर निकल रहे यात्री, ओमिक्रान अलर्ट के दौरान कई के मोबाइल नंबर गलत
कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर प्रदेश में अलर्ट के दौरान विदेश से लौटने वाले यात्री (passengers) शासन-प्रशासन के लिए सिरदर्द बन रहे हैं। केवल रायपुर जिले में ही 16 यात्री ऐसे हैं, जिनकी कोई लोकेशन नहीं मिल पा रही है। इनकी सूचना स्वास्थ्य विभाग ने पुलिस को दी है। विदेश से लौटने वालों में सर्वाधिक 119 लोग रायपुर जिले से संबंधित हैं। बिलासपुर जिले में फॉरेन ट्रैवल वाले दो लोगों के पॉजिटिव आने पर सैंपल जीनोम सीक्वेंसी के लिए भुवनेश्वर भेजा जाएगा। नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को रोकने प्रदेश में 27 नवंबर के बाद विदेश यात्रा की ट्रैवल हिस्ट्री लेकर आने वालों की कड़ी निगरानी की जा रही है। इसके तहत इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जांच के बाद प्रदेश में आने वालों की निगरानी की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग (health Department) द्वारा विदेश से आने वालों की सूची जिलों को उपलब्ध कराई जा रही है, जिसके आधार पर लोगों की लोकेशन ट्रेस कर उन्हें आब्जर्वेशन में रखा जा रहा है। रायपुर जिले में ऐसे लोगों की संख्या सबसे अधिक है। यहां तीन दिन में मिली सूची में कुल 119 लोगों के नाम शामिल हैं। मोबाइल नंबर के आधार पर जिला स्वास्थ्य विभाग ने उनसे संपर्क कर लोकेशन खंगाली। इनमें 16 लोग ऐसे हैं, जिनकी जानकारी अब तक नहीं मिल पाई है। इसकी वजह उनके द्वारा दिए गए गलत मोबाइल नंबर अथवा कॉल रिसीव नहीं करना है। काफी कोशिश के बाद भी इसमें सफलता नहीं मिलने की वजह से इनकी तलाश के लिए स्वास्थ्य विभाग ने इसकी जानकारी पुलिस को दी है। रायपुर जिले की तरह अन्य जिलों में भी विदेश से लौटने वाले इस तरह परेशानी खड़ी कर रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ सहयोग नहीं करने की वजह से कार्रवाई भी की जा सकती है। स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी है कि विदेश से लौटने वालों को सात दिन निगरानी में रखकर आठवें दिन आरटीपीसीआर टेस्ट कराया जाए और निगेटिव आने वाले पुन: सात दिन का क्वारेंटाइन किया जाएं।
यात्रा के दौरे में विदेश जिक्र होने वालों से संपर्क कर उनकी निगरानी की जा रही है। जिनसे कई कोशिशों के बाद भी संपर्क नहीं हो रहा है, उनकी जानकारी पुलिस को दी जा रही है। – डॉ. मीरा बघेल, सीएमएचओ, रायपुर विदेश से लौटने के बाद महानगरों से फ्लाइट के माध्यम से रायपुर पहुंचने वाले यात्री अपनी जानकारी देने से बचने का प्रयास कर रहे हैं। वहां हेल्पडेस्क में तैनात स्वास्थ्य कर्मियों को इसकी वजह से सख्ती करनी पड़ रही है। गुरुवार को हेल्पडेस्क से बचकर निकल रहे यात्रियों से संदेह होने पर पूछताछ की गई तो पता चला कि उनकी हिस्ट्री फाॅरेन ट्रैवल की है। एयरपोर्ट के मेडिकल ऑफिसर डीएस परिहार ने बताया कि ऐसे यात्रियों को अपनी जानकारी हेल्पडेस्क में आकर देना जरूरी है।