- पराई और आयल डिब्बे को काटकर बनाया गया है प्याऊ,
- हर दिन डाल रहे है पानी,
पक्षियो के लिये किया गया है पानी की व्यवस्था,
- सारंगढ़-बरमकेला मुख्य मार्ग में किया गया है पानी की व्यवस्था,
- सारंगढ़, से ओमकार केशरवानी की रपट
आज के आधुनिकता के दौर में भी मूक वन्यप्राणियो के लिये मानवीय संवेदना जिंदा है। सारंगढ़ से बरमकेला जाने वाली घाटी के सडक़ मार्ग पर पेड़ो पर लटकते दर्जनो प्लास्टिक के डिब्बे देखने को मिल जायेगे जिसमें पक्षियो के लिये पानी की व्यवस्था किया गया है। यह व्यवस्था कोई विभागीय नही है बल्कि आम जनता के द्वारा पक्षियो की प्यास को बुझाने के लिये उक्त सुविधा कराया गया है। सबसे बड़ी बात यह है कि हर दो दिन में उक्त प्याऊ में पानी भर कर भीषण गर्मी में पक्षियो को राहत पहुंचाया जा रहा है। इस संंबंध में मिली जानकारी के अनुसार सारंगढ़ से बरमकेला मार्ग मे कोहनी मुड़ान के बाद जंगल के सडक़ किनारे लगभग दो तीन दर्जन से अधिक प्लास्टिक के डिब्बे पेड़ो पर लगाये गये है। लाल रंग, सफेद रंग और हरा रंग के यह डिब्बे आयल के 5लीटर वाले डिब्बे है जिनको काटकर पक्षियो के प्याऊ का आकार दिया गया है। साथ ही प्लास्टिक के पारात को भी तार के सहारे बांध कर पेड़ो पर लटकाये गये है। आयल के डिब्बे को खास पक्षियो के लिये ही विशेष डिजाईन में काटकर लगाया गया है ताकि पक्षियो को पानी पीने को मिल जाये। सडक़ के किनारे लगभग 6 फुट की ऊंचाई पर पेड़ो के किनारे लटकाये गये ये डिब्बे में हर दो दिन में पानी डाला जाता है ताकि पक्षियो को पानी के लिये भटकना ना पड़े। बताया जा रहा है कि बरमकेला के कुछ युवा साथियो के द्वारा उक्त मानवीय संवेदना का कार्य किया गया है। भीषण गर्मियो में पक्षियो को पानी के लिये दर दर भटकना पड़ जाता है ऐसे में गोमर्डा अभ्यारण्य में सडक़ के किनारे लगे पेड़ो पर उक्त डिब्बो को लगाकर उसमें पानी भरकर पक्षियो की प्यास बुझाकर पुण्य का कार्य किया जा रहा है। विशेष बात यह है कि उक्त डिब्बो को इस डिजाईन में कटिंग किया गया है कि पतझड़ का पत्ता भी पानी में नही गिरेगा और पानी बहुत गहरा मे नही है। पक्षीयो के द्वारा आराम से पानी पीते हुए देखा जा सकता है।
- निवेदन- यह काम आप भी करें
पुराने तेल के डिब्बे लगभग हर घर में पाया जाता है। उन डिब्बे को अच्छी तरह से साफ करके उसको चारो ओर से काटकर उसमें पानी भरकर पेड़ो पर लटकाया जा सकता है। इस विधी में पेड़ो के किनारे लटकाने पर पानी की तलाश मे भटक रहे पक्षियो को काफी राहत मिलती है। उक्त डिब्बे मे लगभग 2 दिन बाद पानी फिर डाल दिया जाता है इससे पक्षियो को गर्मी में पानी के लिये भटकना नही पड़ेगा। आप सभी भी अपने घर के ऐसा डिब्बा जो उपयोगी नही है उसको पक्षियो के लिये पेयजल के डिब्बे के रूप में उपयोग करने के लायक बनाकर किसी भी पेड़ के आसपास में लगा देवे जिससे भीषण गर्मी में पक्षियो को पानी की व्यवस्था हो सके।