
पिथौरा। नगर में आज परमेश्वरी मंदिर के सामने व्यावसायिक प्रतिष्ठान में सभी वर्ग के लोगों ने ’’रमन के गोठ’’ कार्यक्रम की 30वीं कड़ी का श्रवण किया गया। रमन के गोठ श्रवण कार्यक्रम में प्रमुख रूप से विधायक प्रतिनिधि मनमीत छाबड़ा, द्वारिका साहू, गुलाम गौस, मनोज पटेल, अशीत कोसरिया, योगेश सेन, टोमन सेन, संजू पटेल, हरीश अग्रवाल, विनोद अग्रवाल, अतुल, सुखीपलिहा, भानुप्रताप सहित अन्य ने रमन के गोठ कार्यक्रम का श्रवण किया।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि महाशिवरात्रि पर्व पर सभी को हार्दिक शुभकामना दी और प्रार्थना की कि छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़वासियों को असीम समृद्धि, सुख और शांति प्रदान करें। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ का दामाखेड़ा कबीरपंथियों का विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। मैंने वहां आयोजित माघी मेले में अपनी उपस्थिति दी और संत कबीर दास जी को याद करते हुए गुुरू-गद्दी को नमन किया। इसी माह के अंत में गिरौदपुरीधाम में आयोजित ‘गुरू दर्शन’ मेले में जाकर मैं बाबा गुरू घासीदास जी की गद्दी को प्रणाम करूंगा, उनका आशीर्वाद लूंगा, जिनकी प्रेरणा से हमने छत्तीसगढ़ को जनहितकारी विकास का आदर्श राज्य बनाया है और इस दिशा में लगातार आगे बढ़ते रहेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान बजट लोक कल्याणकारी बजट है, जो हर वर्ग को सामाजिक, आर्थिक सशक्तीकरण में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 4 वर्ष पहले भारत को एक ईमानदार, स्वच्छ और पारदर्शी सरकार देने का वचन दिया था। यह बजट उसी सिलसिले को आगे बढ़ाने वाला है। भारतीय अर्थव्यवस्था अब 2.5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था है, जो विश्व की सबसे बड़ी सातवीं अर्थव्यवस्था बन चुकी है और जल्दी पांचवें पायदान पर पहुँचेगी। क्रय शक्ति समानता के आधार पर भारत विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बन चुका है। यह जानकारी पूरे भारत सहित हम छत्तीसगढ़वासियों का आत्मविश्वास और मनोबल बढ़ाने वाली है। माननीय मोदी जी के अथक परिश्रम और कुशल मार्गदर्शन से ’ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ अर्थात् कारोबार की सरलता के मापदण्डों पर भारत की अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग 142 के स्थान पर 100 हो गई है। ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ में छत्तीसगढ़, देश के अग्रणी 4 राज्यों में शामिल है। अब केन्द्र सरकार ’ईज ऑफ लीविंग’ पर जोर दे रही है, जिससे जन सामान्य विशेषकर गरीबों और मध्यम वर्ग की जिंदगी आसान हो। ’गुड गवर्नेंन्स’ का मुख्य मापदंड यही है कि आम नागरिकों की जिंदगी सुगम हो, उसमें सरकारी दखल कम से कम हो।