चुनाव समाप्ति के बाद पलायन ने पकड़ा जोर
काकाखबरीलाल,सरायपाली:-चुनाव के पूर्व शहर में सैकड़ों मजदूरों को पुलिस द्वारा पलायन करने से रोका गया था एवं उन्हें समझाइश देकर वापस भेजा गया था. साथ ही मजदूर दलालों पर कार्यवाही भी की गई थी. पहली बार चुनाव के पूर्व इस तरह की स्थिति शहर में देखने को मिली थी कि पलायन करने वालों को मतदान का प्रतिशत कम न हो इसे ध्यान में रखते हुए रोका गया था. लेकिन चुनाव समाप्त होते ही पुन: पलायन का सिलसिला शुरू हो गया है. अब कार्यवाही में भी पुलिस गंभीर नजर नहीं आ रही है. और धड़ल्ले से मजदूर सुबह से ही अन्य प्रांतों की ओर बिना किसी डर भय के पलायन कर रहे हैं. चुनाव के दो दिन बाद ही दिनांक 22 नवंबर को शहर के अलग-अलग स्थानों पर सैकड़ों लोगों को पलायन करते देखा गया.
हर वर्ष खरीफ एवं रबी सीजन में अन्य प्रांतों की ओर अलग-अलग ग्रामों से कई टोली निकलकर पलायन करते हैं. जिसे देखकर भी विभाग के अधिकारी कार्यवाही करने से बचते नजर आते हैं. इस बार मतदाता जागरूकता रैली के माध्यम से गांव एवं शहरों में मतदान के प्रतिशत को बढ़ाने का कार्य जोर शोर से चल रहा था. चुनाव आयोग द्वारा इसका पालन करवाने के लिए सभी विभागों को निर्देशित भी किया गया था. इसे ध्यान मे रखते हुए पलायन करने वाले लोगों पर प्रशासन की विशेष नजर थी. आचार संहिता लगने के बाद चुनाव के पूर्व सैकड़ों लोगों को कई स्थानों से पलायन करते रोका गया था और उन्हें समझाईश देकर गृह ग्राम वापस भेजा गया था. लेकिन उनके द्वारा दी गई समझाईश का असर केवल चुनाव तक ही देखने को मिला. चुनाव समाप्ति के बाद पलायन करने का मन बना बैठे मजदूर पुन: निकल पड़े, लेकिन उन्हें इस बार किसी ने भी नहीं रोका. वे दिन में निश्चिंत होकर पलायन करते देखे गए. जबकि पूर्व में अक्सर रात में पलायन करते हुए ही देखा जाता था. अब सवाल यह भी खड़ा होता है कि पूर्व में पलायन पर की जा रही कार्यवाही केवल चुनाव तक ही क्यों सिमट कर रह गई. चुनाव के बाद कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है?
विगत दिनांक 22 नवंबर को नगर के टैक्सी स्टैण्ड पर सुबह ग्राम जमदरहा के 15 मजदूर, पतेरापाली ग्राम पंचायत लोहड़ीपुर के 23 महिला पुरूष, सागुनडीह के 46, छिर्राबाहरा के 23, ठूठापाली के 16 मजदूर पलायन करते हुए एक साथ दिखे. जो लकड़ी, कंबल, राशन सामान भी साथ लेकर जा रहे थे. उनसे चर्चा के दौरान उन्होंने बताया कि गांव में काम की कमी के कारण अन्य प्रांतों की ओर जा रहे हैं.