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क्या कर्जमाफी के मास्टरस्ट्रोक से बच पायेगा बसना से संपत की शाख..?
कांग्रेस के कर्ज माफी ऐलान के बाद कांग्रेस लगा सकती है हैट्रिक..!
कर्जमाफी कांग्रेस के लिए हो सकता है फिर से मास्टरस्ट्रोक
विजय कुमार,काकाखबरीलाल@बसना। छत्तीसगढ़ में चुनावी सरगर्मी तेज हो गयी है पार्टियां अपना सत्ता बनाने नए – नए वादे और दावे करते नजर आ रहे हैं। एक तरफ छत्तीसगढ़ कांग्रेस किसानों को कर्ज माफी करने का फिर से ऐलान करदी हैं जिसके चलते कका ( भूपेश सरकार) का पलड़ा भारी नजर आ रहा है वहीं भाजपा पार्टी खामोश नजर आ रही है साथ ही यह अंदेशा लगाया जा रहा है कि यह खामोशी कहीं तूफान आने की पहली की खामोशी तो नहीं, अब परिणाम चाहे जो भी हो दोनों राष्ट्रीय पार्टियां चुनाव जीतने अपना जी जान लगाती नजर आ रहीं हैं।
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कर्जमाफी कांग्रेस के लिए हो सकता है फिर से मास्टरस्ट्रोक
अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बड़ी घोषणा की है। सीएम बघेल ने सोमवार को कहा, अगर राज्य में फिर से कांग्रेस की सरकार बनती है तो किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा। इससे पहले बघेल सरकार ने कहा था कि हमने 2018 का वादा पूरा किया और राज्य के 18.82 लाख किसानों के 9,270 करोड़ रुपये के कृषि ऋण माफ कर दिए हैं।
बता दें कि कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनावों से पहले किसानों से इसी तरह का वादा किया था कांग्रेस का यह एक ऐसा कदम था, जिसने पार्टी को बड़ी जीत दिलाने में मदद की थी. जबकि बीजेपी को 15 साल बाद सरकार गंवानी पड़ी थी।
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क्या कर्जमाफी का मास्टरस्ट्रोक बचा पायेगा बसना से संपत की शाख..?
उसी बीच महासमुंद जिले के बसना विधानसभा में मुकाबला काफी टक्कर का एंव रोमांचक होने वाला है एक तरफ संपत अग्रवाल अपने हजारों कार्यकर्ताओं के साथ सक्रिय नजर आ रही है तो वहीं राजा देवेंद्र बहादुर सिंह भी कांग्रेस से प्रत्याशी के रूप में खड़े हुए हैं। राजा देवेंद्र बहादुर को लेकर यह कहा जाता है कि उनकी वोटों की गिनती 40000( चालीस हजार) से शुरू होती है। साथ ही राजा का फुलझर बसना क्षेत्र में काफी दबदबा रहा है एक आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने का पूरा लाभ राजा देवेंद्र बहादुर को मिलता है। बता दें कि संपत अग्रवाल बसना विधानसभा में पिछले कई सालों से अपने नीलांचल सेवा समिति के माध्यम से क्षेत्र वासियों के सेवा करती नजर आ रही है चाहे वो कोरोनाकाल हो, खिलाड़ियों को लेकर हो या जनहित का कार्य ही। पिछले 2018 के चुनाव में भाजपा से नाराज होकर निर्दलीय चुनाव लड़ चुके अग्रवाल को पिछले साल बसना विधानसभा में दूसरे नम्बर पर रह चुके हैं तो वहीं इस बार पार्टी ने उनपर भरोसा जताते हुए बसना से उनको भाजपा का उम्मीदवार बनाया गया है और इसी के साथ पूरे दमखम के साथ भाजपा बसना से काफी मजबूत नजर आ रही है लेकिन कांग्रेस के कर्ज माफी के ऐलान से पूरे छत्तीसगढ़ की राजनीति में फिर से भूचाल ला दिया है जिसके साथ ही बसना विधानसभा से अपनी जीत तय मान रहे संपत अग्रवाल की मुश्किलें भी बढ़ गयी हैं।संपत अग्रवाल लगातार क्षेत्र में जनसम्पर्क कर रहें हैं लोगों से गांव गांव जाकर रूबरू होते नजर आ रहें हैं ऐसे में बीते दिनों मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कर्जमाफी का घोषणा किया जिसके बाद किसानों का भरोसा फिर से कांग्रेस की तरफ नजर आ रहा है ऐसे में गलियारों में यह चर्चा जोरों से है कि कहीं इस बार भी संपत अग्रवाल का विधायक बनने का सपना कहीं अधूरा ही न रह जाये अब देखना यह दिलचस्प होगा कि क्या बसना से कांग्रेस की कर्जमाफी संपत पर भारी पड़ सकती हैं या हजारों समर्थकों के साथ संपत अपना परचम बसना विधानसभा में लहरा लेते है।