सरायपाली : अंचल के युवती ने महिला समूह को दिया नया आयाम
सरायपाली। आम तौर पर शासकीय स्कूलों में मध्यान्ह भोजन के संचालन के लिए महिला स्व सहायता समूहों का गठन किया जाता है। कुछ स्थानों पर समूहों को अन्य प्रशिक्षण भी दिये जाते हैं और उनके द्वारा निर्मित सामग्रियों को प्रदर्शित कर उनका विक्रय भी किया जाता है। लेकिन यह बहुत ही कम समूहों के द्वारा किया जाता है और उनका दायरा भी काफी सीमित होता है। इन सबके बीच सरायपाली अंचल में एक समूह ऐसा भी है, जिसने मध्यान्ह भोजन के संचालन से काम शुरू कर लगभग 9 वर्षों में ही पूरे प्रदेश में अपना डंका बजवा दिया है। यह समूह और कहीं नहीं सरायपाली अंचल के ग्राम चकरदा का अन्नपूर्णा एसएचजी समूह है, जिसके एक सदस्य हरिता के नेतृत्व में आज हजारों महिलाएं अपनी आर्थिक स्थिति सुधार चुकी हैं और अभी भी कार्य लगातार जारी है तथा समूह का विस्तार भी लगातार हो रहा है। यह समूह मध्यान्ह भोजन का संचालन तो कर ही रही है, वर्तमान में उनके द्वारा शहर में एक आईडब्ल्यूपी मार्ट खोला गया है, जिसमें समूह की महिलाओं के द्वारा बनाये गए विभिन्न सामग्रियों का विक्रय किया जाता है। यहाँ खाद्य सामग्रियों के साथ-साथ घरेलू उपयोग के लगभग सभी प्रकार के सामान मिल जाते हैं, जो सभी हस्त निर्मित हैं। यह जिले का एकमात्र मार्ट है, जो महिला समिति के माध्यम से चलाया जा रहा है। अतिशीघ्र इसकी शाखाएँ अन्य जिलों में प्रारंभ होने की बात कही जा रही है।
अपनी सफलता की कहानी बताते हुए भारतीय नारी शक्ति सहकारी समिति छ.ग. की अध्यक्ष हरिता पटेल ने बताया कि उनके द्वारा सन् 2014 में ग्राम चकरदा में अन्नपूर्णा एसएसजी समूह के माध्यम से शासकीय प्राथमिक एवं मिडिल स्कूल में मध्यान्ह भोजन के संचालन का कार्य शुरू किया गया था। सन् 2020 में जनपद पंचायत सरायपाली के माध्यम से चकरदा में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की टीम पहुँची और समूह को विहान योजना से जोड़ा गया एवं समूह की महिलाओं को आगे आजीविका बढ़ाने के लिए प्रेरित किया गया। इसके पश्चात हरिता अपने अभियान को आगे बढ़ाने के लिए प्रयास करती रही और दिसंबर 2020 में ग्राम मोहदा में प्रथम 35 महिलाओं का 5 दिवसीय गृह उद्योग सामग्रियों जैसे हल्दी, मिर्च, मसाला, फिनाईल, साबुन आदि बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। इसके पश्चात अधिकारियों से भी सहयोग मिलता रहा और 2021 में एक निजी कंपनी के सहयोग से महिलाओं को मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण के बाद समिति को 20 हजार रूपये की आमदनी हुई, जिससे उनका उत्साह और अधिक बढ़ गया। इस बीच हरिता ने अधिकारियों व कंपनियों से मिलकर अन्य गाँवों में भी महिलाओं को विभिन्न सामग्रियों के उत्पादन हेतु प्रशिक्षण दिलाया।
लाखों की हो चुकी है आमदनी
स्वावलंबी होने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए समिति ने 2021 में अगरबत्ती बनाने की मशीन का क्रय किया, जिससे उन्हें 15 से 20 हजार रूपये प्रतिमाह की आय होने लगी। जनपद पंचायत के द्वारा भी अन्नपूर्णा समूह को 15 हजार रूपये का अनुदान दिया गया। स्वदेशी मेला, राजिम मेला या प्रदेश में होने वाले अन्य मेले में स्टाल लगाकर समूह के द्वारा निर्मित सामग्रियों का विक्रय किया जाता रहा, जिससे उन्हें लगभग 4 लाख रूपये की आमदनी हो चुकी है। विगत दिनों अमृत महोत्सव कार्यक्रम के दौरान समूह के द्वारा 63 हजार रूपये का तिरंगा झण्डा विक्रय किया गया था। इसके लिए उन्हें प्रदेश स्तर पर सम्मानित भी किया गया है।
विभिन्न माध्यमों से महिलाओं ने लिया प्रशिक्षण
बैंक आॅफ बड़ौदा ग्रामीण स्व रोजगार प्रशिक्षण के माध्यम के समूह की महिलाएँ सिलाई का 30 दिवसीय और आर्टिफिशियल ज्वैलरी बनाने का 13 दिवसीय प्रशिक्षण ले चुकी हैं। अन्नपूर्णा समूह का प्रोडक्ट महासमुंद, कवर्धा के सी-मार्ट में भी दिया जाता है। इसके अलावा थोक व्यापारी भी समूह से सामग्रियों का निर्माण करवाते हैं। अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए समूह की महिलाओं ने हरिता के नेतृत्व में रायपुर के बाजार का सर्वे किया और दिसंबर 2022 में पीआरपी के सहयोग से ग्राम चकरदा में हर्बल प्रोडक्ट का 5 दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। इसके पश्चात् केदुवां क्लस्टर के 25 महिलाओं का प्रशिक्षण हुआ, जिसमें महुआ लड्डू, महुआ अचार, हर्बल टी, हर्बल कॉफी, गोबर धूपबत्ती, गौ-फ्रेश पाऊडर आदि 35 प्रकार के सामग्रियों के निर्माण हेतु प्रशिक्षण दिया गया। विभिन्न प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत समूह का विस्तार भी होने लगा और महिलाएँ कई प्रकार के सामग्रियों के निर्माण में कुशलता प्राप्त करने लगीं। इसे देखते हुए माह जनवरी 2023 में भारतीय नारी शक्ति सहकारी समिति छत्तीसगढ़ का गठन किया गया, जिसमें 14 जिलों के सैकड़ों एसएसजी समूह जुड़ गए। इसके पश्चात विगत अप्रैल माह में सरायपाली के झिलमिला के पास आईडब्ल्यूपी मार्ट का शुभारंभ किया गया, जिसमें उनके द्वारा निर्मित सभी सामग्रियों का विक्रय किया जाता है।
विभिन्न सामग्रियों का होता है निर्माण
समूह के द्वारा लगभग 15 प्रकार की बड़ी, 10 प्रकार के अचार, 10 प्रकार के पापड़, कई प्रकार के लड़्डू, साबुन, हैण्डवॉश, शैम्पू, डिटर्जेंट, आर्टिफिशियल ज्वैलरी, मसाले, अगरबत्ती, धूपबत्ती, फिनाईल, बॉडी लोशन, नमकीन, चिप्स आदि विभिन्न प्रकार के सामग्रियों का निर्माण किया जाता है। उक्त सभी सामग्रियों का विक्रय उनके द्वारा मार्ट के माध्यम से किया जा रहा है।
प्रत्येक जिले एक स्टोर खोलने का है लक्ष्य – हरिता
पटेल ने कहा कि भारतीय नारी शक्ति सहकारी समिति की महिलाएँ अपने पैरों पर खड़ी होंगी और स्वाभिमान के साथ परिवार के संग विकास के पथ पर आगे बढ़ेंगी। वर्तमान में लोगों का शुद्ध एवं पारंपरिक खान-पान की ओर रूझान बढ़ा है, इसे देखते हुए समूह की महिलाएं भी पारंपरिक उत्पादों को अपनी विशेषता बनाते हुए अपने अभियान पर आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 100 से भी अधिक समूह बन गए हैं और वर्तमान में सरायपाली में 50-60 सदस्य हैं। सरायपाली में चकरदा सहित मोहदा, बोड़ेसरा, रिमजी, पाटसेन्द्री, सराईपतेरा, जलपुर, भोथलडीह, छिंदपाली, परसापाली आदि ग्रामों में महिलाएँ सामग्रियों का निर्माण कर अपना रोजगार बढ़ा रही हैं। संस्था का लक्ष्य है कि राज्य के प्रत्येक जिले मेंकम से कम एक स्टोर खोला जाये और महिलाओं को रोजगार मिले।