सरायपाली : यात्री जान जोखिम में डालकर टैक्सी में यात्रा करने विवश
सरायपाली. सरसीवां मार्ग पर बसों की आवाजाही कम होने से यात्री जान जोखिम में डालकर टैक्सी में लटक कर यात्रा करने विवश हैं। यात्री अपने गंतव्य तक पहुंचने की हड़बड़ी एवं मजबूरी के चलते खतरा मोल लेने विवश हैं।
इस तस्वीर को देखने से लगता है कि हम आज भी बीसवीं सदी के उस दौर में पहुंच गए हैं, जब ऐसी तस्वीर आम हुआ करती थी। अस्सी-नब्बे के दशक में सरायपाली से सोहेला, बसना, सारंगढ़, पदमपुर के लिए टैक्सी, कमांडर, जीप-ट्रेकर आदि वाहन खूब चला करती थी, लेकिन बसों के परिचालन से इनके दिन लद गए। लोग बसों की सवारी करना शान समझने लगे, लेकिन लंबी दूरी के लिए तो बस से सफर कर लेते, मगर छोटी दूरी पर बस का परिचालन बंद सा हो गया। इन सड़कों पर कोरोनाकाल के पूर्व सिटी राइड की छोटी बसें चला करती थी, लेकिन लॉकडाउन के चलते सीटी राइड की बसों के पहिए थम गए। दोबारा इन बसों का परिचालन नहीं होने से यात्रियों को भारी परेशानी हो रही है। सरायपाली से सरसीवां की दूरी 40 किमी है। यहां तक सफर के लिए लंबी दूरी की दो चार बसें चला करती हैं। यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचने के लिए टैक्सियों का ही सहारा लेना पड़ता है। टैक्सियां भी पूरी सवारियों से भर नहीं जाती तब तक रवाना नहीं होती। सरायपाली से सरसीवां का मार्ग अत्यंत जर्जर हो जाने के कारण भी यात्री गाड़ियां नहीं चल पा रही है, जिससे यात्री को स्वयं के वाहनों से सफर करने मजबूर हैं।