17 वर्षीय किशोर की 4 फीट थी हाइट, डॉ. योगिता ने जगाई आस
एक 17 वर्षीय किशोर की हाइट नहीं बढ़ने से माता पिता परेशान थे। पिछले कई साल से वे अपने बच्चे के इलाज के लिए दर-दर भटक रहे थे, बावजूद इसके डॉक्टर उसकी बीमारी पकड़ नहीं पा रहे थे। ऐसे में निराश माता-पिता के भीतर शिशु रोग विशेष डाॅ. योगिता राठी ने आस जगाई। डॉक्टर ने न केवल यह बताया कि किशोर ग्रोथ हार्मेंस की कमी से ग्रसित है, बल्कि इसके महंगा इलाज भी अपने खर्च पर शुरू किया। बीते 8 महीने में उसकी लंबाई 3 इंच तक बढ़ चुकी है।डॉ. योगिता राठी ने बताया कि सुभाष नगर निवासी सुधीर कुमार साहू पिता करण साहू (17) के अंदर ग्रोथ हार्माेंस की कमी थी। वह मेरे संपर्क में आया और ग्रोथ हार्मोंस की बीमारी को इलाज किया। वर्तमान में बच्चे की हाइट ग्राेथ कर रही है। 3 इंच बढ़ा है। उन्होंने कहा कि हाइट के साथ अब उनके अंदर हडि्डयां का भी ग्राेथ करना है, क्योंकि उसके शरीर की हड्डी अभी भी सात साल के बच्चे की तरह है। उन्होंने बताया कि ग्राेथ हार्मोंन डिफिशिएंसी के कारण लंबाई नहीं बढ़ने की समस्या से बच्चा व उनके परिजन परेशान थे।
मदद के लिए आगे आए लोग
डॉ. राठी ने बताया कि सुधीर कक्षा 12वीं का छात्र है और वह आशीबाई गोलछा में पढ़ाई करता है। चिरायु की टीम जब वहां बच्चों के हेल्थ चेकअप के लिए पहुंची तो सुधीर का कद देखकर इलाज के लिए मेरे पास भेजा। उसकी उम्र जानकर हैरान हो गई। उम्र 17 साल थी, लेकिन देखने पर वह 7 के बच्चे के बराबर था। जांच में उनके शरीर की हडि्डयां भी 7 साल के बच्चे की तरह है।
उन्होंने बताया अक्टूबर 2021 में सुधीर का इलाज शुरू किया। उसकी बीमारी को पकड़ने के लिए उन्होंने स्वयं के पैसे खर्च कर कई तरह के टेस्ट कराए। इसके बाद उसकी बीमारी पकड़ में आई और हार्मोंस का इंजेक्शन देना शुरू किया। परिजन गरीब होने के कारण खर्च नहीं उठा पाए। इसलिए मैंने डॉ. अरविंद गुप्ता व शिवम मेडिकल की मदद से इलाज शुरू कराया।
हॉस्पिटल के चक्कर काट थक चुका था परिवार
सुभाष नगर निवासी सुधीर के पिता करण अपने बच्चे की लंबाई को लेकर परेशान था। बचपन से वे सरकारी अस्पतालों के चक्कर काट काटकर थक गया था। निजी हॉस्पिटल जाने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे। वहीं बच्चे की बीमारी को पकड़ने वाला भी कोई नहीं था। फिर भी पिता ने हार नहीं मानी और हर सरकारी अस्पतालों में घूम-घूमकर इलाज कराते रहे। अक्टूबर 2021 में मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उनकी मुलाकात शिशु रोग विशेषज्ञ डाॅ. योगिता राठी से हुई