महासुमंद

अविश्वास प्रस्ताव पारित, भाजपा नहीं बचा पाई नपाध्यक्ष की कुर्सी

शहरी सरकार के खिलाफ सोमवार को अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया. अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 20 और विश्वास पक्ष में 3 (6 अमान्य) मत पड़े. कांग्रेस को जीत के लिए 20 मतों की जरूरत थी जिसे वे हासिल करने में कामयाब हो गई. ज्ञात हो कि बीते 20 जून को कांग्रेस के 10 पार्षदों ने नपाध्यक्ष प्रकाश चंद्राकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था. जिस पर सम्मिलन के लिए आज की तारीख तय थी. तय कार्यक्रम अनुसार सुबह 11 बजे से चुनावी प्रक्रिया शुरु हुई. इससे पूर्व शहर से बाहर गए आठ भाजपा पार्षदों सहित 29 पार्षद पालिका में सम्मिलन के लिए पहुंचे. वार्ड 22 की भाजपा पार्षद हेमलता यादव अनुपस्थित रहीं. रिटर्निंग अधिकारी भागवत जायसवाल, नायब तहसीलदार सूरज बंछोर और सीएमओ आशीष तिवारी की उपस्थिति में 11 से 11:45 बजे तक अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में प्रस्तुति जानकारी दी गई.11:46 से 12 बजे तक अविश्वास प्रस्ताव पर अध्यक्ष का जवाब बाद 12 से सवा 12 तक मतदान की जानकारी के बाद 12:16 से मतदान प्रक्रिया प्रारंभ हुई जो पौने 1 बजे तक चली. बाद 12:46 से 1 बजे तक मतगणना की गई. बाद 1 बजे पीठासीन अधिकारी ने परिणाम की घोषणा की. जिनके अनुसार अविश्वास के पक्ष में 20 मत कांग्रेस को और 3 मत भाजपा को प्राप्त हुआ. छह मत अमान्य घोषित किया गया जो भाजपा के पक्ष में माना गया. मतगणना के बाद आए परिणाम पर प्रकाश चंद्राकर ने कहा कि सत्ता में आसीन धनबल और बाहुबल के आगे हमारी निश्चित ही हार हुई है. आंकड़ों तक पहुंचते-पहुंचते एक वोट से हम हार गए. जीत-हार होती रहती है.

काका खबरीलाल

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