महांसमुद: आंगनबाडिय़ों में रेडी टू ईट का वितरण अप्रैल माह में हुआ ही नहीं
महासमुंद जिले के आंगनबाडिय़ों में रेडी टू ईट का वितरण अप्रैल माह में हुआ ही नहीं। इसके चलते बच्चों और गर्भवती माताओं को पोषण आहार नहीं मिल पा रहा है। पोषण आहार नहीं मिल पाने का असर जिले के ढाई लाख बच्चों के साथ गर्भवती माताओं पर पड़ रहा है। महिला एवं बाल विकास विभाग के मुताबिक मार्च माह तक की व्यवस्था के अनुसार 6 साल तक के बच्चों व गर्भवती महिलाओं को हर माह दो बार रेडी टू ईट पोषण आहार दिया जाता था। जिले के करीब 21 सौ से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से इसका वितरण किया जाता था। लेकिन पिछले चार महीने से यह बंद पड़ा है।
जिला परियोजना अधिकारी समीर पाण्डेय ने बताया कि हाईकोर्ट में मामला चल रहा है। अंतिम फैसला नहीं होने के कारण वितरण पर रोक लग गई है। मिली जानकारी के अनुसार अप्रैल से लागू नई व्यवस्था में गर्भवती माताओं के लिए रेडी टू ईट फूड की मात्रा दोगुनी कर दी गई है। अब उन्हें प्रतिदिन 75 ग्राम की जगह 150 ग्राम और माह में 1800 ग्राम की जगह 3600 ग्राम रेडी टू ईट फूड मिलेगा। इससे पूर्व गर्भवतियों को यह मात्रा आधी ही मिलती थी।
विभागीय जानकारी अनुसार सरकार ने महिला स्व सहायता समूहों से रेडी टू ईट बनाने की जिम्मेदारी वापस लेकर इसे छग राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम को दे दिया है। बीज निगम रेडी टू ईट बनाकर महिला स्व सहायता समूहों को सौपेंगा और समूह की सदस्य आंगनबाडी केंद्रों में इसका वितरण करेंगी। सरकार के इस निर्णय के खिलाफ महिला स्व सहायता समूह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर स्टे हासिल किया है। समूह की महिला सदस्यों का कहना है कि अप्रैल माह का पूरा रेडी टू ईट बनकर तैयार रखा है। सरकार के आदेश का इंतजार है।