17 साल पुरानी छत्तीसगढ़ की फूड लैब को सिर्फ 6 प्रकार के खाद्य पदार्थों की जांच मिली मान्यता
प्रदेश की एकमात्र खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की लैब को 4 जुलाई 2023 तक के लिए मान्यता मिल गई है। 1 फरवरी को फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) ने देश भर के 222 लैबों की मान्यता के संबंध में आदेश जारी कर दिया है। हालांकि छत्तीसगढ़ की लैब को सिर्फ पांच से छह प्रकार की ही जांच की अनुमति मिल पाई है, जिसमें अनाज और अनाज से बने उत्पाद, नमक, मसाले और वनस्पति, तेल और वसा, इमल्शन, डेयरी उत्पाद और एनालॉग्स की ही जांच शामिल हैं। प्रदेश की एकमात्र लैब में अब तक माइक्रोबायोलॉजी लैब नहीं बन पाया है। झारखंड, महाराष्ट्र और ओडिशा के शासकीय लैब में 30-30 प्रकार के खाद्य पदार्थों की जांच की सुविधाओं के कारण मान्यता प्रदान की गई है। 17 साल बाद भी तकरीबन 70 फीसदी खाद्य पदार्थों के सैम्पलों की जांच रायपुर में नहीं होती है। इसके लिए पुणे या कोलकाता सैम्पल भेजा जाता है। दरअसल, लैब में जांच मशीनें एफएसएसएआई से आने के बाद भी इंस्टाल तो हुई हैं, लेकिन जांच के लिए पर्याप्त स्टाफ नहीं
। ड्रग टेस्टिंग लैब रायपुर में 64 में 43 पद खाली हैं। जिसकी वजह से बीते साल मान्यता भी समाप्त कर दी गई थी।
फूड टेस्टिंग एनालिस्ट सिर्फ एक
लैब में फूड टेस्टिंग एनालिस्ट की कमी शुरू से बनी हुई है। यहां सिर्फ एक एनालिस्ट है जो कि लैब टेक्नीशियन के पद से प्रमोट हुए है। जबकि कम से कम पांच एनालिस्ट होने चाहिए। इस संबंध में एफएसएसएआई ने पत्र जारी कर मांग पत्र भेजने के लिए कहा था। जो कि विभाग द्वारा नहीं भेजा गया। वर्तमान में लैब टेक्नीशियन पद पर सिर्फ दो लोग काम कर रहे हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने स्टेट फूड लैब में माइक्रोबॉयोलॉजी लैब तथा एक-एक मोबाइल लैब को अपग्रेड करने के लिए 481.95 करोड़ रुपए दिया था। यह राशि मिलने के बाद लैब को मानक के अनुसार अपग्रेड नहीं किया गया है। जबकि राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला को एनएबीएल अर्थात अंतरराष्ट्रीय मानक संगठन (आईएसओ, आईईसी 17025:2005) लेना अनिवार्य है।
झारखंड को इन जांच के लिए मान्यता
चीनी, बेकरी उत्पाद, खाद्य आम नमक, अनाज, मैदा, सूजी, गेहूं का आटा, दूध, दूध और डेयरी उत्पाद, सरसों का तेल, दूध पाउडर, चाय, नूडल्स, पानी, मादक पेय पदार्थ, बेसन, गाढ़ा दूध, धनिया पाउडर, खाद्य तेल, फलों का रस, घी, शहद, भारतीय करी पाउडर, शिशु दूध, खोया, जैतून का तेल, दही, हल्दी पाउडर, सत्तू, पनीर/छेना आदि।
पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर, पैकेज्ड नेचुरल मिनरल वाटर और ड्रिंकिंग पानी, दूध, मिल्क पाउडर और स्किम्ड मिल्क पाउडर, इंडियन करी पाउडर, फलों का रस, गेहूं का आटा, बिस्किट, सोडापेय, हल्दी जमीन, गेहूं का आटा, शहद, काली मिर्च साबुत और पिसी हुई की जांच की मान्यता।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के सहायक आयुक्त राजेश शुक्ला का कहना है कि लैब को 4 जुलाई 2023 तक के लिए मान्यता मिल गई। 1 फरवरी को फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) ने इस संबंध में आदेश जारी किया गया है।