शॉर्ट सर्किट से 80 एकड़ गन्ना की फसल जलकर राख
कबीरधाम जिले में मंगलवार का दिन किसानों के लिए काला दिन साबित हुआ। यहां लगभग 80 एकड़ में खड़ी गन्ना की फसल में आग लग गई। किसानों की मेहनत धू-धूकर जलकर राख हो गई। घटना पोड़ी चौकी से तीन किमी दूर ग्राम बैहरसरी और सूखाताल के बीच पीपर खार की है। मंगलवार दोपहर 2 बजे बिजली तार में शार्ट सर्किट के चलते लगभग 80 एकड़ से अधिक गन्ने की खेत में आग लग गई। सालभर की मेहनत से उगाई फसल जलती रही और किसान बेबस खड़े होकर देखते रहे।आग की लपटे इतनी तेज थी कि एक के बाद एक खेतों में खड़ी गन्ने की फसल को अपनी चपेट में लेता गया। देखते ही देखते अनुमानित 80 एकड़ से अधिक गन्ने की फसल जलकर नष्ट हो गई। गन्ना खेतों से आग की लपटे उठते देख लोगों में अफरा-तफरी मच गई। ग्रामीणों ने आग बुझाने की कोशिश की। इतने में फायर ब्रिगेड की टीम भी पहुंची, लेकिन आग की लपटों को देखकर केवल किनारे की आग को ही बुझा पाए। जबकि किसान ही किसी तरह से आग पर काबू पाए। आगजनी में 50-60 किसानों की फसल नष्ट हो गए। जिससे किसानों को लाखों रुपए का नुकसान हो चुका है।
किसान अब प्रशासन की ओर मुआवजे को लेकर आश लगाए हैं ताकि नुकसान की कुछ भरपाई हो सके। फिलहाल प्रशासन की टीम गन्ना खेत का सर्वे नहीं किया है। ग्रामीणों के मुताबिक 80 एकड़ से अधिक गन्ने की फसल में आग लगी जिसमें छोटे-बड़े किसानों को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। किसान मनाराम साहू, ज्योतिष वर्मा, अलखराम वर्मा, मोहन वर्मा, भागवत वर्मा, लाला वर्मा, सुदर्शन वर्मा, नारायण वर्मा, जीवन वर्मा, राजेश वर्मा, हजारी निर्मलकर, मुन्ना निर्मलकर, विश्वनाथ निर्मलकर, कृष्णा वर्मा, यज्ञदत्त वर्मा सहित कई किसानों के गन्ने की पूरी फसल जलकर तबाह हुई।
पीडि़त किसानों ने आरोप लगाया कि फायर ब्रिगेड संचालक और उनके मुखिया लापरवाही बरतने लगे हैं। कॉल के बाद भी यह लेट लतीफ से पहुंचते हैं। उस पर आग बुझाने को लेकर कई तरह के बहाने बनाए जाते हैं। आग की लपटे तेज होना तो कभी मार्ग सकरा होना, जिसके कारण नहीं पहुंच पाने का बहानाा बताया जाता है। इनकी समय पर पहुंचने और आग बुझाने से किसानों को लाखों रुपए की क्षति होने से बचाया जा सकता है। इसमें भी लापरवाही बरत रहे हैं।