102 और 108 के वाहन चालक हैं तंग , इस अस्पताल में शाम 4 बजे के बाद डिलीवरी के केस नहीं लिए जा रहे
अस्पताल प्रबंधन व बसंतपुर जिला अस्पताल प्रबंधन डिलीवरी के केस लेने में आनाकानी कर रहे हैं। दोनों प्रबंधन की ओर से उपकरणों की कमी बता दी जा रही है तो कभी डॉक्टर नहीं होने का हवाला दे रहे हैं। संजीवनी 108 के चालकों ने बताया कि दोनों अस्पतालों से रोज 3-4 केस मेकाहारा रेफर हो रहे हैं। रेफर करने पर एम्बुलेंस चालकों को हायर सेंटर ले जाना ही पड़ जाता है। पेंड्री अस्पताल का गायनिक डिपार्टमेंट तो मानों रेफर वार्ड ही बनकर रह गया है। यहां पर दूसरी बार सिजेरियन डिलीवरी वाले केस तो हाथ ही नहीं लगए जा रहे हैं। ऐसे में गर्भवतियों को सीधे मेकाहारा जाना पड़ रहा है।इस चक्कर में संजीवनी 108 और 102 महतारी एक्सप्रेस के चालक फंस जा रहे हैं। ये केस लेकर सरकारी अस्पताल पहुंच रहे हैं पर भर्ती नहीं लेने में एम्बुलेंस चालकों को परिजन खरी-खोटी सुना रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का कहना है कि अगर स्टाफ की कमी होगी तो इसे दूर कर रहे हैं। वहीं अन्य कुछ कारण होगा तो जांच कराएंगे। पेंड्री अस्पताल में तो शाम 4 बजने के बाद साफ कह दिया जा रहा है कि डिलीवरी के केस नहीं लेंगे।
सरकारी अस्पताल में डिलीवरी पर किसी प्रकार का चार्ज नहीं जबकि प्राइवेट में सिजेरियन डिलीवरी पर 25 से 30 हजार रुपए खर्च आता है, प्राइवेट में नॉर्मल डिलीवरी पर 15 से 20 हजार रुपए देना पड़ता है। दो दिन पहले ही 102 महतारी एक्सप्रेस के चालक ने साल्हेवारा क्षेत्र से प्रसव का केस लेकर पहुंचे थे। गर्भवती दर्द से कराह रही थी। एम्बुलेंस चालक रफ्तार से पेंड्री अस्पताल पहुंचा पर यहां भर्ती लेने से मना कर दिया गया। परिजनों ने एम्बुलेंस चालक को घेर लिया था कि वह पेंड्री अस्पताल लेकर क्यों पहुंचा। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि सिजेरियन डिलीवरी क्यों नहीं कर रहे हैं? यह पता लगवाया जाएगा। स्टाफ की कमी को दूर कर रहे हैं। सिजेरियन डिलीवरी प्लानिंग से होती है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि डीन से इस मसले पर चर्चा हुई है। डीन का कहना है कि गायनिक डिपार्टमेंट में दो डॉक्टरों की नियुक्ति हुई है पर एक ने ज्वॉइनिंग नहीं की है।
रानीतराई से प्रसव का केस लाया गया था। एम्बुलेंस चालक ने पेंड्री अस्पताल में दोपहर में भर्ती करा दिया पर शाम को केस रेफर कर दिया गया। एम्बुलेंस चालक ने बताया कि मरीज के परिजनों ने केस ले जाने संपर्क किया था। दो दिन पहले डायल 102 की टीम गातापार इलाके से प्रसव के केस लेकर पहुंची थी। जिला अस्पताल में रात को केस नहीं लेंगे कहकर वापस कर दिया गया। परिजनों ने एम्बुलेंस चालक से दुर्व्यवहार शुरू कर दिया था। 102 महतारी एक्सप्रेस का एक चालक अपनी गर्भवती पत्नी को पेंड्री अस्पताल लेकर गया। उक्त चालक की पत्नी को भी भर्ती नहीं लिया गया। मजबूर होकर प्राइवेट नर्सिंग होम में जाना पड़ा। चालक खैरागढ़ क्षेत्र में पदस्थ है। पेंड्री अस्पताल प्रबंधन और बसंतपुर के जिला अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि डॉक्टरों की कमी के चलते डिलीवरी केस नहीं ले पा रहे हैं। एमसीएच के सहायक अधीक्षक डॉ. सीएस मोहबे ने बताया कि शासन स्तर से गायनिक डिपार्टमेंट के लिए एक सहायक प्राध्यापक और एक एसआर की नियुक्ति आदेश जारी हुआ है। इसके बाद व्यवस्था में सुधार होगा।