फेसबुक पर महिला से दोस्ती करना प्रशिक्षक को महंगा पड़ा …
कांकेर (काकाखबरीलाल).फेसबुक पर विदेशी महिला से दोस्ती करना एक आईटीआई प्रशिक्षक को महंगा पड़ गया. फेसबुक पर विदेशी महिला रोज फ्रांसिस से भानुप्रतापपुर के आईटीआई कॉलेज के प्रशिक्षक बसंतपुर का परिचय हुआ. दोस्ती के कुछ दिनों के बाद इस महिला ने प्रशिक्षक को लंदन में नौकरी का ऑफर दिया. प्रशिक्षक द्वारा लंदन में नौकरी करने की इनकार करने के बाद बिजनेस इन्वेस्टमेंट का लालच देकर लगभग 12 लाख रुपए विभिन्न ऑनलाइन पेमेंट एप्स के माध्यम से जमा करवाएं. महिला ने अफसर को 11 करोड़ नकद और सोना का झांसा दिया. इस चक्कर में महिला के कहने पर लाखों रुपए लंदन की कथित बैंक में जमा करा दिए गए. पीड़ित की शिकायत पर भानुप्रतापपुर पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया है.औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था भानुप्रतापपुर के प्रशिक्षण अधिकारी बसंत कुर्रे के अनुसार पिछले वर्ष नवंबर 20 में रोज फ्रांसीस नामक महिला फेसबुक अकाउंट से फ्रेंड रिक्वेस्ट आई थी, जिसे उन्होंने स्वीकार किया था. दोस्ती के बाद दोनों के बीच बातचीत शुरू हो गई. इसी दौरान जनवरी में इस महिला ने प्रशिक्षक को लंदन में नौकरी करने की पेशकश की.औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था भानुप्रतापपुर के प्रशिक्षण अधिकारी बसंत कुर्रे के अनुसार पिछले वर्ष नवंबर 20 में रोज फ्रांसीस नामक महिला फेसबुक अकाउंट से फ्रेंड रिक्वेस्ट आई थी, जिसे उन्होंने स्वीकार किया था. दोस्ती के बाद दोनों के बीच बातचीत शुरू हो गई. इसी दौरान जनवरी में इस महिला ने प्रशिक्षक को लंदन में नौकरी करने की पेशकश की.पीड़ित के द्वारा मना किये जाने पर महिला ने इन्वेस्टमेंट के लिए प्रशिक्षक को लंदन की बैंक में खाता खोलने का झांसा दिया. महिला द्वारा भेजी लिंक से लंदन के कामनवेल्थ बैंक में फरवरी में खाता खोला गया. बैंक ने आईडी पासवर्ड दिया. इसके बाद महिला के माध्यम से बैंक में 350 पाउंड पहली बार जमा कराए.
प्रशिक्षक से लंदन की बैंक में 1200000 जमा कराए गए और लगातार फरवरी माह से लंदन की उक्त बैंक से 3.6 मिलियन डॉलर यानी 28 करोड़ जमा होने की सूचना भी आती रही. बैंक का लॉगिन आईडी पासवर्ड भी आया. प्रशिक्षक ने लॉगइन किया तो खाते में 28 करोड़ जमा होना भी दिखाया. जेम्स मोर जेम्स कस्टमर केयर कामनवेल्थ बैंक के नाम से व्हाट्सएप मैसेज भी आया था. कभी स्टांप ड्यूटी जमा कराने का मेल आया, तो कभी करंसी कन्वर्जन के नाम से करंसी कन्वर्जन के नाम 1.52 लाख, 1 लाख पे फंड ट्रांसफर के नाम, 1000 पाउंड, ड्यूटी स्टाम्प के नाम 72 हजार, एंटी टेररिस्ट सर्टिफिकेट के नाम 63 हजार जमा करवाई. बैंक ने फिर रकम जमा करने कहा तो उसने मना कर दिया.
अप्रैल में महिला मित्र ने भारत आने के लिए प्रशिक्षक से पैसा जमा करने की बात कही तो पीड़ित ने लॉकडाउन के चलते अप्रैल में आने को मना कर जून में आने के लिए कहा. 1 जुलाई को लंदन से दिल्ली आने की सूचना दी. 1 जुलाई को प्रशिक्षक को भारतीय युवती ने कॉल कर कहा कि आपकी मित्र लंदन से आई है. इसके पास 11 करोड़ का डीडी औऱ गोल्ड है. क्लिरियेन्स करने 1.86 लाख करेंसी कन्वर्ट के लिए 78 हजार जमा कराएं और पीड़ित ने अपने दोस्त से अंतिम बार और पैसे जमा करा दिए.
इस मामले में एसपी कांकेर शलभ सिंह ने कहा कि सायबर सेल के सहयोग से मामले की जांच की जा रही है. आम जनता से अपील है कि जिस तरह से साइबर अपराध बढ़ रहे हैं. आम जनता को सतर्कता बरतने की आवश्यकता है.