पुलिस के डंडों के बाद अब खाइए पुलिस के समोसे-मिठाइयां, जल्द होंगे …..
रायपुर (काकाखबरीलाल).पुलिस के डंडे खाने की बात कई बार आम लोगों के बीच चर्चा में रहती है, लेकिन अब पुलिस डंडे के बजाय समोसे और दूसरे पकवान खिलाने की तैयारी में है। प्रदेश के डीजीपी डीएम अवस्थी ने सभी बटालियन को सुझाव दिया है कि अगर चाहें तो पुलिस परिवार के लोग यहां से पकवान बनाकर उसे बेच सकते हैं। घरेलू सामग्रियों के साथ फास्ट फूड के नए ट्रेंड में पुलिस परिवार की महिलाएं समूह बनाकर काम कर सकती हैं। डीजीपी डीएम अवस्थी के नए कांसेप्ट में मामला फिट होता दिख रहा है। वहीं बालोद बटालियन की तरफ से एक रेस्टोरेंट का प्रस्ताव भी मुख्यालय को भेज दिया गया है। शौर्य पेट्रोल पंप की तर्ज में रेस्टोरेंट-ढाबा खोला जाएगा। इसका संचालन महिलाएं करेंगी। कारोबार से होने वाले मुनाफे का कुछ हिस्से पुलिस मुख्यालय को दिया जाएगा, बाकी बचे हुए मुनाफे से समितियां अपने लिए लाभ अर्जित कर करेंगी। शासन स्तर पर मंजूरी मिलते ही सभी जिलाें में पुलिस परिवार की ओर से बनाए गए पकवान का स्वाद आम आदमी भी चख सकेंगेसकेंगे
पुलिस मुख्यालय में महिला समूह बनाकर अगर रेस्टेारेंट या ढाबा खोलने का प्रस्ताव आया तो इस पर 7 से 10 लाख रुपए तक की स्वीकृति प्रदान की जाएगी। रेस्टारेंट या फिर फूड जोन बन जाने के बाद बटालियन से ही पुलिस परिवार की महिलाओं की एक समिति बनाई जाएगी। यही समिति कारोबार का संचालन करेगी। जेल में किया प्रयोग हुआ सफल गौरतलब है कि केंद्रीय जेलों में बंदियों के हाथों से घर के जरूरी सामानों के निर्माण के साथ फास्ट फूड का कांसेप्ट काफी हद तक सफल रहा है। उदाहरण के तौर पर रायपुर केंद्रीय जेल में पेट्रोल पंप के ठीक बाजू में बंदियों व जेलकर्मियों द्वारा बनाई जा रही मुंगौड़ी काफी चर्चा में रही है। आज भी बड़ी संख्या में लोग वहां मुंगौड़ी खाना पसंद करते हैं। पेट्रोल पंप की कमाई कल्याण कोष में कारोबार संबंधी आय को प्राथमिकता के साथ में पुलिस परिवार कल्याण कोष में जमा करने का नया नियम बनाया गया है। पुलिस संरक्षण में खुलने वाले पेट्रोल पंप से अर्जित आय संबंधित बटालियन में बनाए गए पुलिस कल्याण कोष के लिए जमा की जाएगी। डीजीपी श्री अवस्थी के मुताबिक अतिरिक्त आय अर्जित होने से पुलिस परिवारों में तनाव की स्थिति कम होगी।