कोविड काल में पुलिस ने छिना महिला का स्वरोजगार महिला सशक्तिकरण की उड़ रही धज्जियां
सरायपाली (काकाखबरीलाल). कोरोना काल में एक ओर पूरा विश्व आर्थिक संकट से गुजर रहा है तो वहीं दूसरी ओर चंद पैसों के लालच में कुछ भ्रष्ट पुलिस कर्मी दबगों के धनबल व बाहुबल के प्रभाव में आकर अपने सरंक्षण में लॉक डाउन के दौरान महिला के विगत 27 वर्षों से संचालित स्वरोजगार (बर्फ फैक्ट्री )को समूल उखाड़ कर नष्ट करने में सहयोग कर पारिवारिक विवाद बताकर कार्यवाही किये जाने से पल्ला झाड़ रही है । उच्चाधिकारियों से शिकायत के बाद अपने कुकृत्य पर पर्दा डालने के लिए जांच प्रतिवेदन में मामले के स्वरूप को बदलकर मामले को रफा दफा करने की कोशिश की जा रही है, जांच के नाम पर कार्यवाही में देरी करते हुए अपराधीयो को न्यायालय खुलने से पहले सबूतों को नष्ट करने का मौका दिया जा रहा है ।उक्त आरोप ग्राम भंवरपुर निवासी व बुजुर्ग महिला उद्यमी श्रीमती कृष्णा अग्रवाल व उसके पति सिद्धेश्वर अग्रवाल द्वारा जारी बयान में लगाया गया है ।
बुजुर्ग महिला दंपत्ति श्रीमती कृष्णा ( 50 ) व सिद्धेश्वर अग्रवाल( 55 ) द्वारा जारी बयान में पुलिस पर आरोप लगाते हुवे कहा गया है कि कोरोना काल में लॉकडाउन के समय पुलिस की अकर्मण्यता व लापरवाही से उद्यमी महिला के स्वरोजगार (बर्फ फैक्ट्री) को समूल उखाड़कर जमींदोष करने वालों पर समस्त फोटोज व सबूतों के साथ विगत 6 माह से पुलिस व प्रशासनिक कार्यालयों के चक्कर लगाने के बाद भी आरोपियों के खिलाफ न ही प्राथमिकी दर्ज की गई और न ही कोई अपेक्षित कार्यवाही की गई । अपनी लापरवाही से हुए अपराध पर पर्दा डालने के लिए पुलिस द्वारा पीड़िता द्वारा दिए जा रहे साक्ष्य को अनदेखा कर बिना किसी ठोस सबूत के आरोपी के बयान को ही जांच प्रतिवेदन बनाकर फाइल बंद करने की कोशिश की जा रही है। पुलिस द्वारा अपने प्रतिवेदनों में वास्तविकता व आरोपियों द्वारा की फाई घटना को छिपाते हुए सगे भाईयों में आपसी वाद विवाद का मामला बताया जा रहा है जबकि उक्त विवाद का इससे कोई संबंध नही है । फैक्ट्री 19475 वर्ग फीट के चहारदीवारी से घिरे मकान के 450 वर्ग फीट के एक कमरे में ही संचालित है यहाँ किसी महिला का रोजगार छीन गया है और पुलिस आरोपियों के धनबल व बाहुबल के प्रभाव में आकर सिर्फ इस्तगाशा काट कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर रही है, केन्द्र व राज्य सरकार की घोषणाएं खोखली व दिखावटी के साथ ही उनके कथनी व करनी में अंतर भी दिखाई दे रहा है । एक ओर भाजपा की केन्द्र सरकार व राज्य की कांग्रेस सरकार महिलाओं को उद्यमी, सशक्त व स्वावलंबी व आत्म निर्भर बनाने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं व घोषणाएं कर रही है तो वहीं दूसरी ओर उनके नुमाइंदों के संरक्षण में दबंगों द्वारा अपने धनबल व बाहुबल से बैंक से ऋण लेकर महिला द्वारा संचालित बर्फ फैक्ट्री (लघु उद्योग ) को समूल उखाड़ कर लाखों के सामान की चोरी करने वाले भंवरपुर निवासी ईश्वरप्रकाश अग्रवाल व उसके पुत्र संजय व मनीष पर प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए पीड़ित महिला भंवरपुर पुलिस चौकी व संबंधित थाना के चक्कर काट रही है इसके बावजूद प्राथमिकी दर्ज नही की जा रही है। पीड़ित महिला उद्यमी ने बताया कि दिनाँक 12-02-2020 से आज दिनाँक 31-08-2020 विगत 6 माह तक पुलिस अपने प्रतिवेदनों में मामले को वाद विवाद व एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का बहाना बनाकर तोड़फोड़ व चोरी जैसे गंभीर मामलों में पेश किए गए सबूतों को नजरअंदाज करते हुए कोई कार्यवाही किये बिना इस्तगाशा काटकर अपराधियों को संरक्षण दे रही है जबकि मामला वाद विवाद का नहीं बल्कि शिकायत व अपराधियों को पुलिस संरक्षण का है ।एक ओर पीड़ित महिला अपने ऊपर हुए अत्याचार पर न्याय पाने हेतु न्यायपालिका व पुलिस प्रशासन पर अपनी आस्था रखते हुए सिर्फ आवेदन कर प्रशासनिक कार्यालयों के चक्कर काट रही है, वहीं दूसरी ओर अपराधी अपने धनबल व बाहुबल से
पुलिस संरक्षण प्राप्त कर दिन प्रतिदिन अपराध को अंजाम देते हुए महिला के स्त्री धन से संचालित स्वरोजगार (बर्फ फैक्ट्री) को समूल उखाड़ कर जमीदोज कर दिया है एवं सबूतों को मिटाने में लगा है और पुलिस प्रशासन भी मामले के स्वरूप को बदल कर जाँच करने में देरी करते हुए सबूत मिटाने में सहयोग कर रहा है, आज तक पीड़ित महिला के खिलाफ किसी के द्वारा कोई भी शिकायत या वाद विवाद नहीं है। आवेदिका द्वारा अपनी बर्फ फैक्ट्री में तोड़फोड़ एवं चोरी की ससबुत लिखित शिकायत पुलिस चौकी भंवरपुर में दिनाँक 20, 22 व 23-02-2020 को की थी चौकी प्रभारी दुलार सिंह यादव के समक्ष दिनाँक 12-02-2020 एवं हवलदार भुनेश्वर विश्वकर्मा के समक्ष दिनाँक 22-02-2020 को मौका जांच के दौरान लगाए गए नए तालों को आरोपी द्वारा तोड़ने के बावजूद भी प्राथमिकी दर्ज न होने से स्वयं जाकर पुलिस अधीक्षक महासमुंद को इसकी शिकायत की पूरा मामला सुनने के बाद पुलिस अधिक्षक शुक्ला जी द्वारा विवाद शांत करने के उद्देश्य से न्यायालय के फैसले तक फैक्ट्री बंद रखने की समझाइश देते हुए अपने पत्र क्रमांक पु अ/ महा/शीशा/BSN15 दिनाँक 26-02-2020 को पुलिस चौकी भंवरपुर को आवेदिका के आवेदन पर ललिताकुमारी विरुद्ध उत्तर प्रदेश सरकार के रिट में सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार उचित वैधानिक कार्यवाही करते हुए 04 दिनों के अंदर प्रतिवेदन भेजने हेतु आदेश दिया । जिसकी अवमानना करते हुए पुलिस चौकी भंवरपुर द्वारा कोई कार्यवाही न करते हुए आरोपियों को बर्फ फैक्ट्री को समूल उखाड़कर नष्ट करने का मौका दिया, जब आरोपियों द्वारा बर्फ फैक्ट्री को तोड़कर सामानों को गायब कर दिया गया तब दिनाँक 30-05-2020 को संतपाली में कोरोना पोसिटिव केस निकलने के कारण भंवरपुर व आसपास के गांवों में पूर्ण लॉकडाउन था आवेदिका को बार बार फोन करके बयान देने के लिए बुलाया गया, पुलिस संरक्षण में हुए इस अपराध पर पर्दा डालने के लिए पीड़िता द्वारा दिए जा रहे साक्ष्य को अनदेखा कर बिना किसी ठोस सबूत के आरोपी के बयान को ही पक्षपात पूर्ण जाँच प्रतिवेदन बनाकर पेश किया है।
पुलिस प्रशासन का ये कैसा न्याय है चोरी व तोड़फोड़ की शिकायत को मौका जांच के बाद भी जमीन बंटवारा का विवादित मामला बताकर द.प्र. स. की धारा 155 के तहत फैना क्र.1/2020 व इस्तगाशा क्र. 98,99/2020 धारा 107,116 (3) जा. फौ. कायम कर बॉण्ड ओवर की कार्यवाही कर आवेदक को उस स्थान पर जाने के लिए रोका जाता है और अपराधियों को निर्बाध अपराध करने की छूट दी जाती है. पुलिस अधीक्षक महासमुंद के दिनाँक 26-02-2020 को दिए आदेश की अवमानना करते हुए 3 माह तक कोई कार्यवाही नही की गई, जब अपराधी बर्फ फैक्ट्री को समूल जमीदोज कर एवं सामानों को हटाकर अपने मकसद में कामयाब हो गया तब अपने कर्तव्यनिष्ठा पर स्फूर्ति दिखाते हुए कोरोना काल में पूर्ण लॉक डाउन होने के बावजूद भी उच्चाधिकारियों को जाँच प्रतिवेदन पेश करने हेतु आवेदिका को बयान देने हेतु आने का दबाव डालते हुए चौकी बुलाया गया, दिनाँक 31-05-2020 को आवेदिका द्वारा पुनः मौका जांच कर पंचनामा बनाने का निवेदन करने पर भी बयान देने के बाद जाकर देखने की बात कही गयी बयान देने के पश्चात फैक्ट्री को देख के आने के बाद आवेदिका द्वारा फैक्ट्री के समूल जमीदोष करने व सामानों के गायब होने की शिकायत करने पर भी प्राथमिकी दर्ज न कर दिनाँक 03-06-2020 को द.प्र. स की धारा 155 के तहत फैना क्र.05/2020 जिसमे अपराध का होना यथा फैक्ट्री का सामान अनावेदक द्वारा दूसरे स्थान पर रखना एवं फैक्ट्री के पानी की टंकी व दीवाल तोड़कर नया कंस्ट्रक्शन चालू करने का उल्लेख है के बावजूद भी अपराध कायम न कर पुनः इस्तगाशा क्र. 03/2020 दिनाँक 08-06-2020 को अनावेदकगणों के विरुद्ध धारा 145 जा फौ के तहत पेश कर अपने उच्चाधिकारियों को अपराध हुआ ही नहीं का पक्षपात पूर्ण जांच प्रतिवेदन बनाकर अपने कर्तव्य की इतिश्री की गयी। चौकी प्रभारी दुलारसिंह यादव एवं हवलदार भुनेश्वर विश्वकर्मा यह पुलिसिया रौब दिखाते हुए कि कँही भी शिकायत करो जांच तो हम ही करेंगें ,सही सबूतों व प्रत्यक्ष दर्शी फैक्ट्री के आसपास के लोगों की गवाही न लेकर दिनाँक 29- 05 -2020 की तारीख पर जब भंवरपुर व आसपास के गांव में कोरोना पॉज़िटिव केश निकलने के कारण पूर्ण लॉक डाउन था ,दूसरे गांव के व्यक्तियों का कूटरचित बयान से जांच प्रतिवेदन पेश किया है, जिसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से की गई है, फिर भी अगर कोई कार्यवाही नहीं हुई तो पीड़िता छत्तीसगढ़ में P C A (Police complex authority) गठित न होने के कारण पुलिस के खिलाफ हाईकोर्ट में पुलिस एक्ट 29 के तहत मामला दर्ज कराने की तैयारी कर रही है
पीड़िता महिला उद्धमी कृष्णा अग्रवाल ने बताया कि उक्त बर्फ फैक्ट्री का निर्माण बैंक से लोन लेकर किया गया था । लोन लेते समय समस्त दस्तावेजो के बाद ही लोन स्वीकृत हुआ था । उनके द्वारा बाकायदा किश्त भी पटाई जा रही है । जमीन व बर्फ फैक्ट्री पर किसका मालिकाना हक है यह दस्तावेजो से स्पष्ट हो जाता यदि पुलिस गंभीरता से शुरुवात में ही जांच करती । किंतु शायद पुलिस द्वारा ऐसा नही किया गया ।