समूह की दीदियों ने ठाना है कोरोना को भगाना है
(दंतेवाडा़ काकाखबरीलाल).
कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण उत्पन्न स्थिति से निपटने हेतु शासन के द्वारा संपूर्ण देश में 21 दिनों का लॉकडाउन किया गया है। लॉकडाउन का मतलब कुछ आवश्यक सामानों की दुकानों को छोड़कर सब कुछ बंद, ऐसी स्थिति में लोगों के सामने इस महामारी से सुरक्षा के साथ-साथ दैनिक उपयोग में आने वाले सामानों की उपलब्धता की भी एक बड़ी समस्या है ऐसे में जिला के राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान अंतर्गत स्व-सहायता समूह की दीदियों ने आगे बढ़कर कोविड-19 के तहत जारी एडवाईजरी के निर्देशानुसार सामाजिक दूरियों का विशेष ध्यान रखते हुए कमान संभालते हुए बहुत हद तक लॉकडाउन को सफल बनाने में सहयोग प्रदान कर रही है। जिसके तहत मास्क निर्माण, सेनेटाइजर निर्माण, बैंक सखी,डीजी पे, सुपोषण अभियान के तहत सूखा राशन घर पहुंच सेवा, वनधन विकास योजना, वाईआरएफ, सब्जी की आपूर्ति, सेनेटरी पैड निर्माण प्रमुखरूप से शामिल है।
मास्क का निर्माण कोविड-19 को फैलने से रोकने हेतु कड़ी को तोड़ना बेहद आवश्यक है और यह तभी संभव है जब प्रत्येक व्यक्ति मास्क का उपयोग करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें, परन्तु जिले के अंतर्गत लगभग 03 लाख की जनसंख्या है इतनी संख्या में मार्केट में मास्क उपलब्ध नहीं थे, इस बात को ध्यान में रखते हुए दंतेवाड़ा जिले के समस्त जनपद पंचायतों के लगभग 40 स्व-सहायता समूह की 193 दीदियों द्वारा शासन की गाइडलाइन अनुसार अब तक 18246 मास्क निर्माण कर स्वास्थ्य विभाग, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं मनरेगा श्रमिकों हेतु ग्राम पंचायतों को उपलब्ध कराया है, जिससे कि समूहों को लगभग 2 लाख 73 हजार रूपयें की आय भी प्राप्त हुई एवं मास्क निर्माण का कार्य निरंतर जारी है।
सेनेटाइजर निर्माण दंतेवाड़ा जिले के चार स्व-सहायता समूह के द्वारा आज तक लगभग 200 लीटर सेनेटाइजर का निर्माण कर जिला चिकित्सालय, एनएमडीसी, बैंक सखियों को निशुल्क उपलब्ध कराया गया है, सेनेटाइजर निर्माण के लिए स्व-सहायता समूहों को कच्चा मटेरियल एवं मानदेय के रूप में एनएमडीसी सीएसआर मद से 29 हजार रूपयें प्रदाय किया गया है।
मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान अंतर्गत सूखा राशन घर पहुंच सेवा
लॉकडाउन के दौरान दूसरी समस्या सूखा राशन सामग्री, सुपोषण योजना के अंतर्गत हितग्राहियों को उपलब्ध कराना है, क्योंकि शासन के द्वारा सख्त निर्देश है कि कोई भी बाहर ना निकले, ऐसी स्थिति में समूह की दीदियों ने जिला प्रशासन की मदद से हितग्राहियों तक सूखा राशन घर पहुंच सेवा प्रारंभ की जिसके तहत जिले के सभी जनपद पंचायतों के समस्त ग्रामों में 258 समूह के माध्यम से 18111 हितग्राहियों तक सूखा राशन पहुंचाया जा रहा है।
बैंक सखी
वर्तमान स्थिति अनुसार किसी को भी घर से बाहर नहीं निकलना है, जिस कारण लोग बैंक एवं एटीएम तक नहीं पहुंच सकते, ऐसी स्थिति से निपटने हेतु समूह की दीदी जो बैंक सखी, डीजी-पे के रूप में कार्य कर रही है उन्होंने जिम्मेदारी ली और पूरे जिले के 09 बैंक,डीजी-पे के द्वारा मनरेगा मजदूरी, पेंशन भुगतान, जनधन खातों से आहरण एवं सामान्य लेनदेन घर-घर पहुंचकर कोविड-19 वैश्विक महामारी के तहत जारी गाइडलाइन सोशल डिस्टनसिंग का ध्यान रखते हुए वित्तीय सेवा उपलब्ध करा रही हैं, लॉगडाउन के दौरान इन बैंक सखियों के द्वारा अभी तक लगभग 4 लाख 9 हजार 320 रूपये का मनरेगा, पेंशन, जनधन खातों एवं अन्य राशि आहरण किया गया है, यह बैंक सखी निरंतर घर पहुंच सेवा प्रदान कर रही हैं।
वीआरएफ
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान के तहत ऐसी आपदा से निपटने हेतु ग्राम संगठन स्तर पर आपदा कोष के रूप में राशि उपलब्ध कराई जाती है, जिसका उपयोग ग्राम संगठन इस प्रकार की आपदा के समय ग्रामीण अतिगरीब, पीवीटीएस, निशक्तों की सहायता हेतु करता है, इसके तहत जिला अंतर्गत अभी तक 8 ग्राम संगठनों के द्वारा लगभग 130 परिवारों को राशन, स्वास्थ्य सहित अन्य कार्य हेतु सहायता की गई है और जरूरतमंद परिवारों की मदद निरंतर की जा रही है।
वनधन विकास योजना
वनधन विकास योजना अंतर्गत स्व-सहायता समूह द्वारा वनोपज संग्रहण एवं विक्रय किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत जिले में समस्त जनपद पंचायतों में 49 स्व-सहायता समूह के माध्यम से 2630.26 क्विंटल वनोपज, जिसकी कुल राशि 78 लाख 27 हजार रुपए की नगद भुगतान कर संग्रहकों से खरीदी की गई है।
सब्जी की आपूर्ति
दंतेवाड़ा जिले के सभी जनपद पंचायतों में 122 स्व-सहायता समूह के माध्यम से सब्जी का उत्पादन किया जा रहा है, जिसमें ग्राम पंचायत चंदेनार, गंजेनार, चितालंका, भांसी, चितालूर, बालुद, बालपेट, टेकनार, झोडि़याबाढ़म, समलूर, बींजाम, कारली इत्यादि के महिला स्वसहायता समूह शामिल हैं।
सेनेटरी पैड निर्माण
दंतेवाड़ा जिले में आठ सेनेटरी पैड उत्पादन इकाइयों के माध्यम से 56 हजार 942 पैड्स का निर्माण कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से गांव की महिलाओं तक पहुंचाया जा रहा है, तथा पैड्स का उपयोग कर उचित निपटान करने हेतु प्रेरित किया जा रहा है। अब तक 14 लाख 23 हजार 550 रुपए का विक्रय कर आय अर्जित किया गया है। वैश्विक महामारी के इस संकट काल में दंतेवाड़ा जिले की स्व सहायता समूहों की दीदियों का यह काम सच में हमें प्रेरणा देती है साथ ही इस विपत्ति की घड़ी से आगे निकलने के लिए हमें प्रेरित करती है।