ब्लैकमेलर को नहीं मिली जमानत, जेल की हवा खानी पड़ेगी कुछ दिन.

प्रार्थी से 2 लाख रु मांगे थे नहीं देने पर थाना के समीप अनशन में बैठ गया था
हाई कोर्ट के आदेश पर हुआ था एफआईआर पिथौरा न्यायालय से जमानत याचिका निरस्त
काकाखबरीलाल/पिथौरा – ब्लेकमेलिंग के आरोप में 17 अक्टूबर से जिला जेल में निरुद्ध ग्राम अर्जुनी निवासी डालेश्वर पटेल को पिथौरा न्यायालय से आज जमानत का लाभ नही मिल सका। आरोपी डालेश्वर पटेल के कृत्य को न्यायालय ने गम्भीर माना और आरोपी की ओर से प्रस्तुत याचिका निरस्त कर दी।बतादें कि आरोपी ने सरकड़ा निवासी सीताराम सिन्हा को झूठे मामले फंसा देने की धमकी देते हुए उससे दो लाख रु मांगे थे नहीं देने पर आजीवन कारावास करा देने की धमकी दी थी और आंदोलन में बैठ गया था। घटना 25 जुलाई 2018 की है प्रार्थी सीताराम सिन्हा ने थाना पिथौरा में रिपोर्ट दर्ज कराया था कि ग्राम अर्जुनी निवासी डालेश्वर पटेल 25 जुलाई को सुबह उसके घर ग्राम सरकड़ा आया था और उसने प्रार्थी से दो लाख रु मांगे और कहा कि प्रार्थी के खिलाफ उसके पास पर्याप्त सबूत है वह प्रार्थी को आजीवन कारावास तक की सजा करा सकता है। जब सीताराम ने पैसा देने से इनकार किया तो आरोपी ने प्रार्थी के खिलाफ विभिन्न फोरम में शिकायत किया था और पिथौरा थाना के समीप टेंट लगाकर आमरण अनशन भी प्रारंभ कर दिया। आरोपी डालेश्वर पटेल के द्वारा निरंतर पैसे की मांग की जाती रही है। इसके कारण प्रार्थी सीताराम ने स्थानीय थाना सहित पुलिस के आला अधिकारियों को आवेदन देकर शिकायत किया था। ब्लैकमेलर के विरुद्ध कार्यवाही नहीं होने पर प्रार्थी ने हाई कोर्ट बिलासपुर में याचिका दायर कर ब्लैकमेलर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। उच्च न्यायालय बिलासपुर के द्वारा दिए गए आदेश अनुसार थाना पिथौरा पुलिस द्वारा आरोपी डालेश्वर पटेल के विरुद्ध धारा 384, 385, 388 भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध कर उसे गिरफ्तार किया गया और उसे महासमुंद के न्यायालय में पेश किए जाने पर आरोपी कोन्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया था।
पुलिस ने जमानत का घोर विरोध किया
जमानत याचिका का विरोध करते हुए पुलिस ने न्यायालय से निवेदन किया था कि विधान सभा चुनाव होने से आदर्श आचार संहिता लगी हुई है। आरोपी धरना प्रदर्शन कर शांति भंग कर सकता।