हरजीत सिंह ने रचा कीर्तिमान बने भारत के पहले गोल्डन बटन अवार्डेड “की” बोर्ड प्लेयर

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जगदलपुर के प्रतिष्ठित संगीतकार हरजीत सिंह पप्पू ने यूट्यूब के जरिए कीर्तिमान रच दिया है। यूट्यूब ने हरजीत पप्पू को गोल्डन बटन अवार्ड दिया है। बता दें कि यूट्यूब यह गोल्डन प्ले बटन अवार्ड उन्हीं लोगों को देता है, जिनके यूट्यूब चैनल पर कम से कम 10 लाख सब्सक्राइबर हो। हरजीत सिंह के इस समय 10 लाख 40 हजार से अधिक सब्सक्राइबर तथा 17 करोड़ 96 लाख 95 हजार व्यूवर्स हैं, जो अपने आप में रिकार्ड हैं की बोर्ड प्लेयरों से तुलना करें तो हरजीत सिंह पप्पू भारत के पहले ऐसे की बोर्ड प्लेयर हैं, जिसको यूट्यूब ने इस श्रेणी में गोल्डन प्ले बटन का अवार्ड दिया है। हरजीत सिंह ने ये उपलब्धि मात्र 3 वर्षों में ही हासिल कर ली। इनके दर्शक न केवल भारत में है, बल्कि इनके चैनल को 100 अधिक देशों में देखा जाता है। इन 3 वर्षों में हरजीत सिंह पप्पू ने अपने चैनल में केवल 145 वीडियो ही डालें हैं, फिर भी इनकी प्रसिद्धि इतनी है कि इनकी व्यूअरशिप में प्रतिदिन लगभग 700 दर्शकों की बढ़ोत्तरी होती है और महीने में लगभग 20 हजार नए दर्शक इनके चैनल से जुड़ते हैं। इसकी पुष्टि स्वयं गूगल करता है। हरजीत सिंह पप्पू की ये उपलब्धि न केवल बस्तर और छत्तीसगढ़ के लिए गौरव का विषय है। अपितु ये देश के लिए भी गौरव का विषय है कि बस्तर जैसे अंचल का एक की बोर्ड प्लेयर देश का पहला ऐसा व्यक्ति है जिसे गूगल ने गोल्डन प्ले बटन अवार्ड प्रदान किया है।
संगीत के लिए पूरी तरह समर्पित हरजीत सिंह पप्पू की संगीत को लेकर बेहद बड़ी योजनाएं हैं। उन्होंने बताया कि वो आगामी वर्षों में बस्तर को संगीत हब के रूप में विकसित होते देखना चाहते हैं। वो बस्तर के अंदर एक अकादमी की स्थापना करने के इच्छुक हैं, जिसमें समस्त वाद्य यंत्रों और गायन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे बस्तर में छुपी संगीत प्रतिभाओं के लिए एक अवसर उपलब्ध होगा। चूंकि इस दिशा में अभी तक कोई सार्थक पहल नहीं हुई है इसलिए वो इनके ड्रीम प्रोजेक्ट में है। इसके अलावा हरजीत सिंह पप्पू ने बताया कि उनके दर्शक काफी समय से उनसे karaoke म्यूजिक कंपनी की मांग कर रहे हैं। इसलिए वो जल्द ही ऐसी सुविधा अपने दर्शकों को प्रदान करने के विषय में प्रयासरत हैं। हरजीत सिंह पप्पू की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर जहां उनके परिजनों में हर्ष व्याप्त है, वहीं छत्तीसगढ़ के लोग भी इस उपलब्धि से गौरवान्वित हुए हैं।