
रामकुमार नायक,रायपुर ब्यूरो काका ख़बरीलाल
°विकास यात्रा के दौरान सरायपाली पहुंचेंगे सीएम, वही हो सकती शिकायत!
°छ.ग.श्रमजीवी पत्रकार संघ के जिला उपाध्यक्ष प्रकाश सिन्हा ने लगाए आरोप
रायपुर/महासमुंद- जिले में दबंग पत्रकार के रूप में पहचाने जाने वाले व छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ के जिला उपाध्यक्ष श्री प्रकाश सिन्हा ने प्रशासनिक काम काज व कार्य मे लेटलतीफी के चलते प्रधानमंत्री कार्यालय नई दिल्ली एवं मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से सीधा महासमुंद कलेक्टर श्री हिमशिखर गुप्ता की शिकायत करने की बात सामने आई है।
दरसल बात यह है कि महासमुंद कलेक्टर कार्यालय पहुंचे श्री सिन्हा ने बताया कि वे 22 मई मंगलवार को सुबह 11 बजे कलेक्टर हिमशिखर गुप्ता से मिलने पहुंचे थे। कार्यालय परिषर में जनदर्शन की लाइन लगी मिली। कलेक्टर साहब से मिलने की बात कही गई तो कर्मचारियों ने जनदर्शन में होने का हवाला देकर साहब से 2 बजे के बाद मिलने का संभावना जताया गया। वे नियमतः पर्ची बनवा कर मिलने की बात कहे। जिसके पश्चात उन्हें 2 बजे के बाद मिलने का हवाला देकर बैठा रखा। 2 बजे के बाद जब जनदर्शन कक्ष की ओर देखे तो जनदर्शन में कलेक्टर के बजाए अन्य अधिकारी मौजूद थे। कलेक्टर का जब बुलवाया आया तो श्री सिन्हा ने अपने हाथों में अखबार का शीर्षक सत्यापन कराने आरएनआई नई दिल्ली को आवेदन भेजने की फाइल साथ लेकर पहुंचे। आवेदन को पूरा देखे भी नही और पीआरओ महासमुंद से मिलने बोल दिया गया। सवाल जवाब करने पर कहने लगे यह मेरा कार्य नही है आप पीआरओ को दीजिये पीआरओ चेक करके पूरी प्रकिया के साथ मेरे टेबल में देगे तब मैं करूँगा। जिसके पश्चात श्री सिन्हा ने जनसंपर्क कार्यालय पहुंचकर पीआरओ सुरेंद्र शुक्ला से जाकर मिले। उन्हें ने आवेदन देखते ही दो टूक में जवाब दिये… यह कार्य मेरा नही है कलेक्टर साहब का है, मेरे इस आवेदन में कोई रोल नही है आवेदन या शीषक सत्यापन गाइडलाइंस में कही भी जनसंपर्क का उल्लेख ही नही है, मेरे कार्य अंतर्गत नही आता एक काम करो कलेक्टर साहब नही किये है, कोई दिक्कत नही एसडीएम से करवा लेने का आश्वासन दे दिया गया। जबकि आरएनआई गाइडलाइन में शीर्षक सत्यापन ऑनलाइन होता है उसकी हार्ट कॉपी को डीएम/एसडीएम/सीएमएम आदि के माध्यम से नईदिल्ली भेजा जाना होता। श्री सिन्हा ने काका खबरी लाल डॉट कॉम में बताया कि आरएनआई नई दिल्ली शीर्षक सत्यापन कराने के लिए छोटी सी प्रकिया होती है। कलेक्टर या एसडीएम उक्त ऑनलाइन आवेदन को भेजने का कार्य होता है। प्रशासनिक अधिकारी आवेदक को जबरन चक्कर काटने में मजूबर किया जा रहा। जिससे आप समझ सकते है कि पत्रकार को छोटे से कार्य के लिए चक्कर काटना पड़ रहा है तो आमजनता का समस्या निवारण कैसे होता होगा। जिसके चलते वे प्रधानमंत्री कार्यालय नईदिल्ली एवं विकास यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह से प्रशासनिक लेटलतीफी की शिकायत करने की बात कही गई। वही एसडीएम सरायपाली से भी उक्त आवेदन को लेकर प्रस्तुत होने की बात कही गई। देखते है अनुविभागीय अधिकारी भी संज्ञान लेते है या आवेदक तारीख़ मिलती है।