18 करोड़ रुपये की लागत से बना डायवर्सन, किसानों को लाभ मिलने की बजाए भारी नुकसान
अंबिकापुर(काकाखबरीलाल)। सरगुजा जिले के उदयपुर ग्राम पंचायत सानिबर्रा अटेम नदी पर पांच वर्ष पूर्व बगैर ग्रामीणों की सलाह व सहमति के 18 करोड़ की लागत से डायवर्सन का निर्माण जल संसाधन विभाग ने कराया है, लेकिन इन पांच वर्षों में किसी भी किसानों के खेत तक एक बूंद पानी इस डायवर्सन से नहीं पहुंचा है। डायवर्सन से रामनगर बैगा पारा और उदयपुर के किसानों को लाभ मिलना था। यहां के किसानों को लाभ मिलना तो दूर की बात सेमी घोघरा के किसानों की भूमि भी इस जलाशय में डूब जाने से उनकी खेती चौपट हो गई। करीब 80 किसानों की कृषि भूमि इस डायवर्सन में डूब गई है। प्रशासन ने न तो इस ओर ध्यान दिया और न ही किसानों के हित में कोई कदम उठाया। एक तरफ इस डायर्वन से किसानों को सिंचाई का लाभ मिलना था, लेकिन इसके विपरीत उन्हें इसकी वजह से अपनी खेती में नुकसान उठाना पड़ा है।
पांच वर्ष पहले भी इसी अटेम नदी डायवर्सन के ऊपर 50 लाख एक और डायवर्सन का निर्माण किया गया किंतु वह भी किसी काम का नहीं रहा। दोबारा से 18 करोड़ की लागत से निर्माण किया गया जिसमें नौ करोड़ डायवर्सन को बनाने में खर्च किया गया और नौ करोड नाले के निर्माण में खर्च किया गया है किंतु यहां किसी किसान को इसका लाभ न मिलकर उनका ही नुकसान हुआ है। नाले का निर्माण सेमी घोघरा के जलाशय से निकल कर सानिबर्रा के कलम दास के घर तक ही किया गया। जिस नाले से डायवर्सन का पानी निकलकर किसानों के खेतों तक जाना था वह हुआ ही नहीं। तकनीकी रूप से भी यह डायवर्सन ठीक नहीं है। यहां तो सबकुछ उल्टा हो गया है, किसानों के खेत का पानी ही वापस डायवर्सन में प्रवेश कर रहा है। इससे किसान बेहद नाखुश है और किसानों का कहना है कि इस डायवर्सन को किस उद्देश्य से बनाया गया है उन्हें जानकारी नहीं है। ग्रामीणों का आरोप है कि जल संसाधन विभाग हमेशा अपने चहेते ठेकेदारों के साथ मिलकर कहीं भी डायवर्सन बनाने की योजना बना लेता है और जनप्रतिनिधियों ,ग्रामीणों से सलाह नहीं लेता जिसका यह जीता जागता प्रमाण है।
ग्रामीणों का आरोप है कि इस डायवर्सन को बनाने से पहले ग्राम पंचायत से कोई प्रस्ताव नहीं लयय गया और न ग्राम सभा को इसकी जानकारी दी गई। नियमानुसार किसी भी गांव में निर्माण से पहले ग्राम सभा की अनुमति जरूरी होती है।विभागीय ठेकेदार और अफसरों की मिलीभगत से बड़ी राशि का वारा न्यारा भी इस डायवर्सन में होने की आशंका है।
बर्बाद हो गई किसानों की उपजाऊ भूमि
ऐसे बनाई व्यवस्था
सानिबर्रा डायवर्सन के निर्माण से कहां किसानों को लाभ मिलता उल्टे किसानों की जमीन पानी मे डूब गई और उपजाऊ भूमि भी निर्माण के दौरान खोद दिए जाने से बर्बाद हो गई। पूरी जमीन उबड़ खाबड़ हो गई है।
ग्रामीण मांग रहे अब मुआवजा
सानिबर्रा के ग्रामीण इस डायवर्सन के निर्माण से बेहद नाखुश है। अब उनका आक्रोश भी बढ़ रहा है। एक तो डायवर्सन के पानी में कृषि भूमि डूब गई वही डायवर्सन बनाने के चक्कर में किसानों की भूमि भी खोद दिए जाने से खेती के लायक नही रही। अब यहां के ग्रामीण मुआवजा की मांग कर रहे हैं।