यात्रियों को नाक-मुंह दबाने से राहत मिलने वाली है , रेलवे करने जा रहा ऐसी ब्यवस्था

(रायपुर काका खबरीलाल) .
चलती ट्रेनों में टायलेट से फैलते बू से यात्रियों को नाक-मुंह दबाने से राहत मिलने वाली है। पुराने सिस्टम को बदलकर रेलवे ने सभी गाडिय़ों में बयो टायलेट तो किया, लेकिन उससे यात्रियों की मुसीबत बढ़ गई है।
सफाई लगातार नहीं होने के कारण ट्रेन के स्लीपर कोच तक बदूबी फैल जाती है, यह शिकायतें लंबे समय से यात्रियों की बनी हुई है। वहीं बायो टायलेट भर जाने के कारण सबसे अधिक परेशानी महिला यात्रियों की होती है। इसे देखते हुए रायपुर रेल डिवीजन ने गाडिय़ों के टायलेट बोगी में एग्जास्ट लगाने की योजना पर काम कर रहा है।रायपुर रेल डिवीजन की डेढ़ दर्जन गाडिय़ां रायपुर जंक्शन से होकर चलती हैं। इनमें एक्सप्रेस और लोकल ट्रेनें शामिल हैं। जिनमें बायो टायलेट किया जा चुका है। जो यात्रियों के लिए मुसीबत बन गया है।
पुराने सिस्टम को बदलते हुए रेलवे का तर्क रेल पटरियों पर गंदगी रोकने को लेकर था। लेकिन बायो टायलेट गाड़ी छूटने के साथ ही भर जाने की शिकायतें लगातार बनी हुई है।
दूसरी तरफ रेलवे का सबसे अधिक फोकस यात्रियों को साफ-सफाई उपलब्ध कराने को माना जा रहा है, लेकिन चलती ट्रेनों में स्वच्छ माहौल उपलब्ध कराने के मामले में रेलवे प्रशासन खरा नहीं उतर पाया है। अब जाकर रेलवे प्रशासन ने ऐसी सभी ट्रेनों में एग्जास्ट फैन लगाकर यात्रियों को राहत देने जा रहा है।नए साल से होगी शुरुआत
गाडिय़ों के टायलेट बोगी में एग्जास्ट फैन लगाना नए साल से शुरू करना तय किया गया है। अफसरों का कहना है कि रेलवे अपने यात्रियों को सुरक्षा, संरक्षा, सफाई और खानपान की बुनियादी सुविधाएं मुहेया कराने को प्राथमिकता से लिया है।
लेकिन गाडिय़ों के टायलेट से फैलती बदबू की शिकायतें लंबे समय से मिल रही थी। इसे देखते हुए बायो टायलेट सिस्टम को दुरुस्त करना तय किया गया है। एग्जास्ट फैन अगले महीने से लगना शुरू हो जाएगा।बेडरोल के गड्ढे से रास्ता जाम, 7 हजार जुर्माना लगाया
रायपुर रेल मंडल के सीनियर पब्लिसिटी इंस्पेक्टर शिव प्रसाद पवार के अनुसार दूसरी बड़ी शिकायत ट्रेनों के एसी कोच के चढऩे-उतरने के रास्ते पर कपड़ों का गड्ढा दिया जाता है।
रायपुर, तिल्दा, भाटापारा जैसे स्टेशनों में बाशिंग के लिए चादर-तकिए चढ़ाने के दौरान रास्ते में ही रख जाता है जिससे बर्थ तक पहुंचने और उतरने में यात्रियों को दिक्कतें होती है। यह शिकायत मिलने पर चेकिंग के दौरान दुर्ग में संचातित बेड रोड वॉशिंग के ठेकेदार पर 7 हजार 300 रुपए का जुर्माना किया गया है।