रामकुमार नायक, महासमुंद(काकाखबरीलाल) – प्रदेश के महासमुंद जिले के एक सरपंच पर गाज गिरी है. महासमुंद विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम पंचायत बंबूरडीह में वित्तीय अनियमितताओं और विकास कार्यों में लापरवाही के मामले में सरपंच शत्रुघन चेलक को उनके पद से हटा दिया गया है. जांच में कई गंभीर खामियां सामने आने के बाद न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व महासमुंद द्वारा यह कार्रवाई की गई है. जनपद पंचायत महासमुंद के पत्र के आधार पर परीक्षण पश्चात पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 40 के तहत यह कार्रवाई की गई.
जारी आदेश में बताया गया है कि जनपद पंचायत महासमुंद द्वारा किए गए अभिलेखीय परीक्षण में पता चला कि ग्राम पंचायत बंबूरडीह में वर्ष 2019-20 और 2023-24 की कई योजनाओं के तहत स्वीकृत निर्माण कार्य आज तक अधूरे पड़े हैं. इनमें अतिरिक्त कक्ष, बाउंड्रीवाल, सीसी रोड और स्वागत गेट का निर्माण शामिल हैं. हालांकि, इन योजनाओं के लिए आवंटित धनराशि का आहरण पहले ही कर लिया गया था.
जांच में 16 लाख 94 हजार 644 रुपए के व्यय का विवरण पाया गया, लेकिन संबंधित बिल और वाउचर पेश नहीं किए गए.
यह भी सामने आया कि कई महत्वपूर्ण बैठक प्रस्तावों पर सचिव और सरपंच के हस्ताक्षर नहीं थे. बिना पंचायत के प्रस्ताव पारित किए ही कई योजनाओं में धनराशि का उपयोग किया गया. सरपंच ने अपने जवाब में दावा किया कि निर्माण कार्य बरसात के कारण रुका है, लेकिन जांच अधिकारी इसे संतोषजनक नहीं मान सके. प्रतिवेदन के अनुसार, सरपंच ने बिना उचित निरीक्षण और प्रस्ताव के धनराशि आहरित कर शासन को आर्थिक नुकसान पहुंचाया. छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 40 (क) और (ख)’के अंतर्गत जांच टीम ने सरपंच शत्रुघन चेलक के इस कृत्य को लोकहित के विरुद्ध माना और उन्हें उनके पद से हटाने का निर्णय लिया.