छत्तीसगढ़

महासमुंद: 15 मध्यम कुपोषित बच्चे एवं 02 गंभीर कुपोषित बच्चे कुपोषण से हुए मुक्त

सभ्य समाज में बच्चों मे व्याप्त कुपोषण एक सामाजिक अभिशाप है जिसके कारण कुपोषित बच्चे शारीरिक एवं मानसिक रूप से पिछड़ जाते है। कुपोषण को दूर करने एवं सामाजिक चेतना लाने हेतु आई.ए.एस. अनुविभागीय अधिकारी(रा.) बसना श्री हेमन्त नंदनवार द्वारा विशेष पहल किया गया। विकासखण्ड बसना के 37 कुपोषित बच्चों को कुपोषण मुक्त करने हेतु उन्होंने एवं विकासखण्ड स्तरीय अधिकारी-कर्मचारियों को गोद दिलाकर उन्हें सुपोषित करने का अभियान मई 2023 को छेड़ा गया। इसके तहत महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा चिन्हांकित कुपोषित बच्चों को स्वैच्छिक रूप से गोद लेने हेतु अधिकारी-कर्मचारियों को प्रेरित किया गया। संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा प्रतिमाह बच्चों के घर गृहभेंट कर उनके पालकों को स्वस्थ्य एवं पोषण संबंधित परामर्श दिया गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा चिन्हांकित कुपोषित बच्चों के घर डाईट चार्ट (कुपोषित बच्चों को दिये जाने वाली आहार की सूची) चस्पा किया गया। साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पर्यवेक्षक द्वारा प्रति सप्ताह बच्चों का वजन लिया जाकर आवश्यक परामर्श दिया गया। आई.ए.एस. अनुविभागीय अधिकारी(रा.) बसना के निर्देश पर कुपोषित बच्चों का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बसना में स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया तथा कुपोषित बच्चों को आवश्यक दवाई क्रय कर उपलब्ध कराई गई। उपरोक्तानुसार समन्वित प्रयास कर फलस्वरूप 15 मध्यम कुपोषित बच्चे एवं 02 गंभीर कुपोषित बच्चे कुपोषण से बाहर आए।

काका खबरीलाल

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