महासमुंद : उपभोक्ता फोरम ने बैंक मैनेजर के खिलाफ जारी किया वारंट
उपभोक्ता फोरम में 12 साल से चल रहे एक मामले में फोरम ने फैसला लेते हुए शुक्रवार को एक्सिस बैंक के मैनेजर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। यदि बैंक वाद व्यय और क्षतिपूर्ति राशि प्रदान नहीं करती तो मैनेजर की गिरफ्तारी की जाएगी।
मिली जानकारी के अनुसार निर्मला पटेल पति जयराम पटेल 12 साल पहले एक्सिस बैंक एटीएम से 2 हजार रुपए निकालने के लिए एटीएम का उपयोग कर रहे थे। लेकिन, उक्त एटीएम से 2 हजार की बजाए एक हजार रुपए ही निकले। बावजूद इसके उनके खाते से 2 हजार रुपए कट गए।
इस पर आवेदक जयराम ने पंजाब बैंक एवं एक्सिस बैंक में इसकी जानकारी दी। एक्सिस बैंक ने तो पावती दी, लेकिन पंजाब नेशनल बैंक के मैनेजर ने अमर्यादित भाषाओं का उपयोग करते हुए आवेदन लेने से मना कर दिया था। साथ ही आवेदन को डस्टबिन में डाल देने जैसी टिप्पणी की थी। इससे आहत होकर जयराम पटेल ने जिला फोरम में याचिका दर्ज कराई थी।
जिला फोरम ने 8 मार्च 2013 को फैसला लेते हुए 3 बिंदुओं पर आदेश दिया था कि आवेदक को एक हजार रुपए ब्याज सहित वापस किया जाए। आरबीआई के सर्कुलर के अनुसार 100 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से जमा करने तक दिया जाए। वहीं, 2 हजार रुपए वाद व्यय दिया जाए।
बैंक की ओर से समय देने की मांग को किया खारिज
इस आदेश के बाद एक्सिस बैंक व पीएनबी ने राज्य उपभोक्ता फोरम में अपील की थी। लेकिन, राज्य फोरम ने दोनों ही बैंकों की अपील खारिज कर दी। इसके बाद एक्सिस बैंक ने आगे अपील नहीं की। लेकिन, पंजाब बैंक ने राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग दिल्ली में अपील की।
इस दौरान फोरम ने पाया कि सारी लापरवाही एक्सिस बैंक की है। फिर वसूली की कार्रवाई शुरू हुई। प्रकरण 27 अक्टूबर 2010 से चल रहा है। कोर्ट के आदेश के बाद भी बैंक ने 9 साल तक कोर्ट के आदेश को लंबित रखा। वहीं बैंक की ओर से फोरम से और समय की मांग की जा रही थी। इस पर कोर्ट ने आवेदन खारिज कर गिरफ्तारी वारंट के लिए आदेश दिया।