छत्तीसगढ़

जिले की मृत महिला तालाब में पाल रही मछली, ले रही लाखों की आमदनी

गरीबों के हितार्थ बनाई गई योजनाओं का फायदा साधन संपन्न लोग उठा रहे हैं। इसकी बानगी जिले के कई विभागों में देखी जा सकती है। अकलतरा ब्लाक के ग्राम पंचायत कोटगढ़ के सचिव ने मतस्य पालन विभाग तथा शासन के संबंधित विभागों को मछली पालन कर रहे व्यक्तियों तथा समूहों की जानकारी भेजी है। जिसमे क्रमांक 4 झझरंगिया तालाब खसरा नंबर 219 जिसका जलक्षेत्र 829 हेक्टेयर है। इस तालाब को यशोदा बाई धीवर के नाम ठेके पर दिया गया है। बताया जा रहा है कि यशोदा बाई धीवर की साल भर पहले मृत्यु हो चुकी है। लेकिन सरपंच और सचिव द्वारा मृत महिला के नाम किसी और को तालाब ठेके पर दे दिया है। इस संबंध में पोड़ीदल्हा की सामाजिक कार्यकर्ता सीता टंडन ने विभाग में जानकारी लेते हुए विभागीय अधिकारी मत्स्य इंस्पेक्टर संगीता सरवा से ली। उसने पूछे जाने के बाद बताया कि उनके कार्यकाल के दौरान तालाब में मछली पालन का अनुबंध नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा कि हो सकता है कि उनके ज्वाइनिंग के पहले का अनुबंध होगा। क्योंकि अनुबंध के समय सचिव तथा फिसरी इंस्पेक्टर की उपस्थिति जरूरी रहती है। फिलहाल मामले को लेकर गांव में हड़कंप मचा है। विभागीय अधिकारी भी इस मामले जांच पड़ताल शुरू कर दिए हैं।
मछली पालन के लिए दस वर्षीय पट्टा अनिवार्य
मछली पालन विभाग द्वारा जारी निर्देश के मुताबिक तालाबों व जलाशयों में मछली पालन के लिए दस वर्ष के पट्टे पर ही दिया जाए और यह मछुआरा समितियों या अन्य समितियों को ही दिया जाना है। लेकिन विभागीय आदेश की कॉपी केवल केवल कागजों तक सीमित है। ग्राम पंचायत द्वारा एक तिहाई तालाबों को अपने मनचाहे लोगों को कई गुना ज्यादा राशि पर ठेके में दिया जा रहा है। जिसकी राशि सरपंच तथा सचिवों की जेब में जा रही है और कुछ तालाबों को ही शासन के मानक अनुसार लीज पर दिया जा रहा है।
-मैने सरपंच से जानकारी ली है तब पता चला है कि महिला की मृत्यु मछली पालन का पट्टा मिलने के बाद हुई है।
– एसएस कंवर, सहायक संचालक मत्स्य पालन

छत्तरसिंग पटेल

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