फिल्मी अंदाज में जिंदा बुजुर्ग को कागजों में मृत बताकर सचिव ने रोक दिया पेंशन, पीडि़त ने कहा साहब मैं मरा नहीं हूं
राजनांदगांव जिले के अंबागढ़ चौकी ब्लाक के चिखली पंचायत में सचिव की घोर लापरवाही सामने आई है। सचिव द्वारा एक जिंदा बुजुर्ग ग्रामीण को मृत घोषित कर दिया गया है। मृत घोषित करने से बुजुर्ग को सरकार से मिलने वाली सहायता राशि वृद्धा पेंशन 8 माह से नहीं मिल रहा है। पेंशन नहीं मिलने से बुजुर्ग को आर्थिक संकट से गुजरना पड़ रहा है। मिली जानकारी के अनुसार चिखली निवासी 71 वर्षीय गैंदूराम साहू को सरकारी दस्तावेज में पंचायत सचिव ने मृत घोषित कर दिया गया है। सरकारी दस्तावेज में जीवित गैंदूराम को मृत घोषित करने से उसे वृद्धा पेंशन मिलना बंद हो गया है। परेशान बुजुर्ग ने खुद को जीवित बताते हुए अधिकारियों से मदद की गुहार लगाई है। बुजुर्ग ने कहा कि मेरी कहानी तो फिल्म की जैसे हो गई है मैं स्वयं जिंदा खड़ा हूं लेकिन कागजों में मर गया हूं।मिली जानकारी के अनुसार पीडि़त बुजुर्ग गैंदूराम को 8 महीने से वृद्धा पेंशन नहीं मिल रहा है। वृद्ध अपने पेंशन के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हंै। इस संदर्भ में वृद्ध गैंदुराम ने जनपद के संबंधित अधिकारी को अर्जी देकर पेंशन की सूची में पुन: नाम जोड़कर पेंशन चालू करने की गुहार लगाई थी। जिसके बाद जनपद के संबंधित अधिकारी सचिव को बचाने फिर से नए तरीके से आवेदन ऑनलाइन कर नाम जोड़ दिया और सचिव से हितग्राही को तीन महीने का पेंशन नगद दिलवाकर मामला से हाथ खींच लिया है।पीडि़त गैंदूराम ने बताया कि सरकारी दस्तावेजों में जिंदा रहते मुझे मरा हुआ दिखा दिया और पेंशन रोक दिया। वृद्ध गैंदुराम साहू को सरकारी स्तर से स्वीकृति मिलने के बाद 2014 से लगातार पेंशन मिल रहा है। हाल में जून 2021 से पेंशन रोक दी गई। क्योंकि इन्हें सरकारी दस्तावेजों में मृत बता दिया गया। बीपी चुरेन्द्र, सीईओ, जनपद पंचायत, अम्बागढ़ चौकी ने बताया कि इस मामले में सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। जवाब आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।