महासमुंद(काकाखबरीलाल)। जिला अस्पताल के जीएनएम कोविड सेंटर की गंभीर लापरवाही का मामला उजागर हुआ है। जहां कोविड केयर सेंटर का स्टाफ स्वजनों की पूछताछ पर मरीज का हाल चाल स्वस्थ्य बताते रहे, जबकि मरीज की मौत 12 अप्रैल को हो चुकी थी और पुलिस ने शव लावारिस हालत में बेलसोंडा के पास बरामद किया था। गुरुवार को किसी तरह से मामला खुला तो स्वजनों को बुलाकर शव की शिनाख्त की गई। मामला सरायपाली ब्लाक के गांव कोदोगुड़ा का है। यहां के निवासी चमरू सिदार (68) की तबियत बिगड़ने पर संजीवनी 108 की मदद से स्वजनों ने जिला अस्पताल के जीएनएम सेंटर स्थित कोविड सेंटर भेजा। स्वजनों ने बताया कि 10 अप्रैल से चमरू यहां भर्ती कराया गया था।साथ में कोई स्वजन जिला अस्पताल नहीं आए थे। बाद से चमरू की पुत्री व पुत्र शिवचरण हर दिन कोविड हास्पिटल के नंबर पर फोन कर मरीज का नाम बताकर हाल चाल जानते रहे। यहां से सबकुछ अच्छा बताया जाता रहा।बाद 21 अप्रैल की शाम सरायपाली थानेदार का फोन परिवार को आया, बताया गया कि चमरू सिदार लापता है। जिससे परिजन पूछताछ करने में लगे।बाद गुरुवार दोपहर खबर मिली कि महासमुंद सिटी कोतवाली पहुंचे। स्वजन इस उम्मीद में गुरुवार शाम कोतवाली पहुंचे कि उनके लापता पिता मिल गए हैं, यहां पहुंचने पर पुलिस ने 12 अप्रैल को बेलसोंडा मारुति शोरूम के पास मिले अज्ञात शव की तस्वीर दिखाई, जिसे देखकर चमरू के पुत्र शिवचरण ने उनके पिता होने की पुष्टि की। इधर तीन दिन जिला अस्पताल के चीरघर में रखने के बाद 15 अप्रैल को चमरू के लावारिस शव का मुक्तिधाम सेवा समिति ने अंतिम संस्कार किया।इससे कोविड अस्पताल की अव्यवस्था का मामला उजागर हुआ है। मृतक के भतीजे रूपानंद सिदार ने बताया कि 19 अप्रैल तक कोविड केयर के नंबर पर फोन लगाकर पूछा जाता रहा और हर बार वहां का स्टाफ कुशलक्षेम होना बताता रहा।12 अप्रैल को हमने अज्ञात शव मारुति शो रूम के पास बरामद किया था। शिनाख्त न होने पर 15 को शव का अंतिम संस्कार किया गया। 21अप्रैल की शाम को कोविड सेंटर से लापता होने का मेमो आया, जिस पर स्वजनों को सूचना दी गई। गुरुवार को स्वजन आए तब चमरू सिदार की शिनाख्त हुई।
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