किसानों की पहचान बायोमैट्रिक्स से…. बॉयोमैटिक्स पहचान के बिना धान नहीं बेच सकेंगे किसान

जिले में धान खरीदी में होने वाले गड़बड़ी को रोकने के लिए इस बार किसानों की पहचान बायोमैट्रिक्स से की जाएगी। कुछ सालों की तुलना इस बार अधिक समर्थन मूल्य में धान खरीदने की उम्मीद जताई जा रही है। इसी को देखते हुए बेचने आने वाले किसानों का मौके पर ही फिंगर प्रिंट लिया जाएगा। इसके बाद ही किसानों का धान समितियों में खरीदी जाएगी।
बायोमैट्रिक्स में कई किसानों की अंगूठे की निशान घिस जाने परेशानी होती है। इस तरह की परेशानी राशनकार्ड ईकेवाईसी से समय देखा गया था। इसे ध्यान में रखते हुए अब उन्हें नॉमिनी बनाने की सुविधा दी जा रही है। जो नॉमिनी नहीं बनाएंगे, वे ट्रस्टेड पर्सन विश्वसनीय व्यक्ति की मदद से अपनी उपज बेच सकेंगे। पहले राशन दुकानों में ही नॉमिनी बनाने की सुविधा दी गई थी, लेकिन अब उसी तर्ज पर धान खरीदी पर धान खरीदी में यह लागू की गई है। इस तरह के कवायद करने से किसानों से खुशी है वहीं धान खरीदी में होने वाले गड़बड़ी को रोका जा सकेगा।
नई गाइडलाइन में बायोमैट्रिक्स और नॉमिनी का किया गया प्रावधान ^सहायक संचालक कृषि विभाग हरीश राठौर ने बताया कि बायोमैट्रिक्स और नॉमिनी के लिए गाइडलाइन आया है। समर्थन मूल्य में इस बार वृद्धि हुई। इसके कारण जिले के किसानों में 31 अक्टूबर तक पंजीयन व पंजीकृत फसल या रकबे में संसोधन किया जाएगा।
किसान का एक नॉमिनी भी होगा धान खरीदी के लिए सरकार इस बार सख्त नजर आ रही है। गड़बड़ियों को रोकने के लिए बायोमैट्रिक्स के साथ नॉमिनी भी होगा। कोई किसान अगर धान बेचने नहीं आता है तो उसके परिवार का नॉमिनी व विश्वसनीय व्यक्ति धान बेच सकता है। उसके लिए नॉमिनी को रजिस्ट्रेशन व बायोमैट्रिक्स कराना अनिवार्य होगा।
समर्थन मूल्य में वृद्धि से बढ़ा जिले में धान का रकबा पांच साल पहले 2018-19 में सारंगढ़ रागयढ़ जिले में शामिल था। इस समय 4 लाख 65 हजार 501 मैट्रिक टन धान की खरीदी की गई थी। राज्य सरकार ने धान का समर्थन मूल्य बढ़ाने और बोनस देने के कारण जिले में लगातार धान की खेती करने वालों की संख्या बढ़ी। स्थिति ऐसी ही अब जिले के किसान दूसरे खेती में रूचि नहीं दिखाते जिसके कारण पिछले साल सारंगढ़ अलग होने के बाद भी 4 लाख 12 हजार 987 मैट्रिक टन धान की खरीदी हुई।