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महासमुंद: वॉट्सऐप ग्रुप में पुलिस ने कहा बल प्रयोग करने व पुलिस पर हुई पथराव की होगी जांच

महासमुंद जिले की ख़बरे ग्रुप समेत अन्य ग्रुप में तेजी से पोस्ट हो रहा वायरल

महासमुंद. छत्तीसगढ़ पुलिस फिर से कटघरे में खड़ी हो गई है। वाट्सएप ग्रुप में वायरल हो रही पुलिस द्वारा बर्बता पूर्वक लाठीचार्ज चलाये जाने का वीडियो आग की तरह फैल गया। वही महासमुंद जिले की खबरे नामक ग्रुप समेत अनेक ग्रुपों में महासमुंद पुलिस द्वारा घटनाक्रम के बारे में बताते हुए पोस्ट को वायरल किया जा रहा। महासमुंद के महासंग्राम की चर्चा सोसल मीडिया पर जोरो से चल रही है। वही पुलिस अपने बचाव के लिए व्हाट्सएप के सहारे लोगों कोे बताने की कोशिश कर रहा है। मीडिया की मौजूदगी में यह घटनाक्रम हुई, कही पर भी पत्थरबाजी जैसेे घटना का वीडियो अब तक सामने नहीं है। लेकिन हां वीडियो में पुलिस जवान द्वारा यह कहते हुए जरूर सुुना गया कि भीड़ पत्थर फेंक रही है।

वायरल पोस्ट में क्या है

सिटी कोतवाली महासमुन्द में शाम 7 बजे सूचना आई कि नाबालिक बच्चों के साथ मारपीट की सूचना पर एसआई समीर डुंगडुंग मौके में पहुचे तो आरोपी अंकित लुनिया नाबालिक बच्चों एवम उनके परिजनों को धमकाया जा रहा था। पुलिस पेट्रोलिंग के मौके पर आरोपी अंकित लुनिया द्वारा पुलिस के साथ विवाद एवम अभद्रता किया गया जिसे पुलिस पेट्रोलिंग द्वारा लेकर थाना आया गया चूंकि महासमुन्द एक चाइल्ड फ्रेंडली पुलिस जिला होने के साथ यूनिसेफ द्वारा इस जिले को चाइल्ड फ्रेंडली मॉडल जिले के रूप में प्रोजेक्ट किया गया है उक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए बच्चों के विरुद्ध होने वाले अपराध पर महासमुन्द पुलिस सवेंदनशीलता के साथ बरताव करती है और जब अंकित लुनिया को थाने लाकर आवश्यक वैधानिक कार्यवाही किये जाने के दौरान महासमुन्द विधायक विमल चोपड़ा ने 25-30 समर्थकों के साथ थाने में आकर एसआई समीर डुंगडुंग से अनावश्यक विवाद झूमाझटकी कर आरोपी को छुड़ाकर ले जाया गया नाबालिक बच्चों जो माता पिता के साथ अपराध पंजीबद्ध कराने आये थे उन्हें डराने और धमकाने का प्रयाश किया गया एवम तीन चार लड़कियों के साथ लाकर छेड़खानी का आरोप भी पुलिस पर लगाने की कोशिश की गई चूंकि बच्चे भयभीत थे उनका चिकित्सीय परीक्षण कराया जाना आवश्यक किंतु आरोपीयो द्वारा लगातार पुलिस के विरुद्ध नारेबाजी करने एवम प्रार्थी पार्टी को भयभीत करने का प्रयास किया जाता रहा थाने जे पोर्च में बैठकर लगातार नारेबाजी करने से उन्हें समर्थको सहित हटने हेतु बार बार अपील की किंतु वे पोर्च में बैठ गए और लगातार नारेबाजी करने लगे इसी बीच उनके समर्थकों ने पत्थर बाजी शुरू कर दिए जिसे उन्हें हटाने हेतु आवश्यक बल प्रयोग किया गया।
पुलिस एवम प्रशासन के सूत्रों का कहना है कि किन परिस्थितियों एवम बल प्रयोग किया उसकी जांच अवश्य कराई जाएगी किंतु लाठीचार्ज से पूर्व थाने पर पथराव होने पर डीएसपी, 2 सब इंस्पेक्टर, एसआई, 5 कॉन्स्टेबल समेत अनेक पुलिसकर्मियों को आई गम्भीर चोटो से अपराध प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना की जाने की अपुष्ट खबर मिली है।

विधायक को मिल रहा समर्थन

सोसल मीडिया में मामले को लेकर टिप्पणी करते हुए लिखा कि एक जनप्रतिनिधि के ऊपर लाठी चार्ज करना क्या अमानवीय नहीं है। जब जनप्रतिनिधि सुरक्षित नहीं है तो आम आदमी का क्या होगा। उक्त हमले की कड़ी निंदा करते हुए पुलिस के प्रति आक्रोश देखा गया। साथ ही विधायक व उनके समर्थको पर लाठीचार्ज मामले को लेकर नगर बंद कराया गया जो मिला-जुला असर रहा।

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