माधुरी घर-घर जाकर लोगों को कर रही जागरूक, पति ने ग्रामीणों तक दवाएं पहुंचाईं अब कोविड फ्री है इनका गांव

रायपुर (काकाखबरीलाल). छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से करीब 60 किलोमीटर दूर अभनपुर ब्लॉक में बसा है, बजरंगपुर गांव। यहां भी कोरोना से लड़ने की एक जंग जारी है। इस गांव के लोगों का अनुशासन और कोविड-19 से लड़ने का जज्बा एक बड़ी सीख है। शहरों में जहां डर या बेफिक्री की वजह से हालात बेकाबू हो गए। मगर इस गांव में जिम्मेदारी के अहसास के साथ लोगों ने कोरोना को हराया है।
इस गांव में ही रहने वाली माधुरी साहू बीते साल नवंबर के महीने में कोरोना से संक्रमित हुईं। इनके पति धीरज भी संक्रमित हो गए। बुखार तेज था शरीर में थोड़ी कमजोरी भी आई मगर होम आइसोलेशन में रहकर पति-पत्नी ने कोरोना को आखिरकार हरा ही दिया। जब ठीक हुईं तो आस-पास के गांवों में स्वास्थ्य जागरूकता का काम कर रहे जिला पंचायत से अधिकृत रिजनल कोऑर्डिनेटर विवेक त्रिपाठी से मिलीं।
विवेक ने इन्हें घर-घर जाकर दूसरों को भी जागरूक करने के लिए प्रेरित किया। तब से अब तक हर दिन 15 से 20 घरों में पहुंचकर माधुरी कोविड को लेकर अपना उदाहरण देती हैं। ग्रामीणों को समझाती हैं कि जांच कराने, दवा लेने या टीका लेने में घबराने की कोई बात नहीं, मैं ठीक हुई हूं आप भी ठीक हो जाएंगे। इस काम में गांव की मिताननें भी माधुरी का साथ देती हैं।
माधुरी के पति धीरज अपनी बाइक से आस-पास के गांवों तक जाते हैं। जनपद के सक्रिय सदस्य हैं और पूरे इलाके की गलियों से अच्छी तरह से वाकिफ हैं। चूंकि खुद कोरोना को हरा चुके हैं, इसलिए डॉक्टर से मिली जानकारी लोगों तक पहुंचाते हैं। होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की डॉक्टर्स से बात करवाते हैं। जनपद से दवाओं की किट लेकर संक्रमितों के घरों तक दवा पहुंचाने का काम भी कर रहे हैं। अपने अनुभवों को बांटकर लोगों को कोरोना पर जीत हासिल करने में सहायता कर रहे हैं।
पिछले साल के आखिरी महीनों में कोरोना ने इस गांव की तरफ नजरें टेढ़ी की थीं। यहां की करीब 700 की आबादी में से 15 लोग संक्रमित हो गए थे। गांव लोगों की जागरूकता की वजह से सफाई और मास्क, सामाजिक दूरी के नियमों का पालन और गंभीरता से किया जाने लगा। सभी संक्रमित घर पर ही दवा लेकर ठीक हो गए। किसी को अस्पताल जाने की नौबत ही नहीं आई। अब इस बजरगंपुर गांव में एक भी कोरोना का संक्रमित मरीज नहीं है। मगर इसके बाद भी हर दिन माधुरी अपनी साथियों के साथ पूरे गांव का दौरा करती हैं। सभी को कोरोना के प्रति जागरूक करती हैं।