विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने आठ शिक्षकों की की गई व्यवस्था को आदेश निकाल कर किया निरस्त
।। पर्याप्त शिक्षक होते हुए भी आठ शिक्षकों की उनके अपने गांव के स्कूलों में नियम विरुद्ध व्यवस्था का मामला।।
।।सभी शिक्षकों को तत्काल मूल शाला में वापस जाने का दिया आदेश ।।
शुकदेव वैष्णव, बसना(खबर का असर)-बसना विकासखंड में दर्जनों ऐसे स्कूल हैं जो एक शिक्षकीय हैं या शिक्षक विहीन है. इन शिक्षक विहीन स्कूलों में शिक्षक की व्यवस्था करने के बजाए विकास खंड शिक्षा अधिकारी बसना द्वारा शासन के नियम के विरुद्ध आदेश जारी कर जिन स्कूलों में पर्याप्त शिक्षक हैं उन स्कूलों में कुछ शिक्षकों से सांठगांठ कर उनको सुविधा और लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से उनके गांव के स्कूल या गांव के पास के स्कूल में शिक्षकों की व्यवस्था की गई थी . इस संबंध में काका खबरीलाल ने अपने 20 जुलाई 18 समाचार प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया था. जिसे जिला शिक्षा अधिकारी बी .एल. कुर्रे ने संज्ञान में लेते हुए सोमवार को कार्यालय प्रारंभ होने पर इस मामले की जांच सहायक संचालक या प्राचार्य स्तर के अधिकारी से जांच कराने की बात कही थी. जांच के पूर्व विकास खंड शिक्षा अधिकारी ने 24 जुलाई 2018 को आदेश जारी कर विभिन्न में प्राथमिक शालाओं में किया गया 8 शिक्षकों की व्यवस्था एवं हाई स्कूल में किए गए 2 शिक्षकों की व्यवस्था के आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर सभी शिक्षकों को तत्काल मूल शाला में वापस जाकर कार्यभार ग्रहण करने तथा पालन प्रतिवेदन विकास खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा करने के आदेश दिए हैं. विगत 20 जुलाई को प्रकाशित काका खबरीलाल के खबर ने शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा दिया था जो शिक्षक अपनी अपनी व्यवस्था कर आए थे उन्हें खबर प्रकाशन के बाद तथा व्यवस्था आदेश निरस्त होने से आज तगड़ा झटका लगा है. विकास खंड शिक्षा अधिकारी बसना द्वारा गलत ढंग से विभिन्न स्कूलों में किए गए शिक्षकों की व्यवस्था के संबंध में समाचार प्रकाशन के बाद विकास खंड स्तर के विभिन्न शालाओं में दिन भर इसी विषय पर चर्चा होती रहती थी. समाचार प्रकाशन से अधिकांश शिक्षकों ने खुशी जाहिर किया जबकि गलत ढंग से अपने गृह ग्राम के स्कूलों में पर्याप्त शिक्षक होते हुए भी व्यवस्था करने वाले शिक्षक सकते में आ गए थे . काका खबरीलाल के खबर प्रकाशन के बाद में महसूस हो चुका था कि ईमानदार जांच अधिकारी द्वारा जांच किया जाता है तो उनका किया गया व्यवस्था आदेश निरस्त हो सकता है. अंततः वही हुआ . उसमें अंदेशा लगाया गया था की विकास खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा 8 शिक्षकों की की गई नियम विरुद्ध व्यवस्था का आदेश कभी भी निरस्त हो सकता है तथा उक्त शिक्षकों को मूल शाला में वापसी हो सकती है विकास खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय ने 24 जुलाई 2018 को आदेश क्रमांक ज्ञापक/763/शि.क./अ/वय./2018 – 19 के तहत आदेश जारी कर प्राथमिक शालाओं में व्यवस्था की गई थी उन सभी शिक्षकों का व्यवस्था आदेश निरस्त आकार तत्काल मूल साला मैं लौट कर पालन प्रतिवेदन विकास खंड शिक्षा कार्यालय में जमा करने के आदेश दिया गया है. विगत कुछ दिनों से काका खबरीलाल का समाचार सोशल मीडिया में चल रहा.
ज्ञातव्य हो कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा शिक्षकों के स्थानांतरण एवं कलेक्टर जिला पंचायत सीईओ के आदेश या अनुमोदन के बिना व्यवस्था पर रोक लगाई गई है . इसके बावजूद पर्याप्त शिक्षक वाले स्कूलों में कुछ शिक्षकों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से उस शिक्षक की व्यवस्था विकास खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा की गई थी. विकास खंड शिक्षा अधिकारी वाई. आर . लहरें ने आज काका खबरीलाल के सवांददाता को बताया कि विभिन्न ना प्राथमिक शालाओं में व्यवस्था किए गए 8 शिक्षकों एवं हाई स्कूल में किए गए 2 शिक्षकों की व्यवस्था आदेश को निरस्त कर उन्हें अपने मुंह शाला में लौटने का आदेश दिया गया है . आदेश निरस्त करने के बावजूद जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा अलग से विभागीय जांच भी जारी रहेगी.
ज्ञातव्य हो कि विकास खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा जारी किए गए नियम विरुद्ध आदेश की काका खबरीलाल के संवाददाता द्वारा जांच पड़ताल किए जाने पर पता चला कि बसना विकास खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा दूरदराज में पदस्थआठ शिक्षकों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से उनके साथ सांठगांठ कर उनकी उनके ही गांव के स्कूल में पर्याप्त शिक्षक होते भी व्यवस्था की गई है .
शिक्षकों को अपने गांव से 2 किलोमीटर दूरी स्कूल जाना पसंद नहीं था
बसना विकासखंड में पदस्थ शिक्षकों को 2 किलोमीटर दूर स्कूल जाना पसंद नहीं तो अपने गांव के स्कूल में व्यवस्था करा लिया था . बसना विकासखंड के ग्राम बाराडोली एवं नवागांव की दूरी मात्र 2 किलोमीटर है . ग्राम बाराडोली के शा.प्रा. शाला में पदस्थ शिक्षिका श्रीमती दीपिका साव का निवास नवागांव है एवं नवागांव के प्रा. शाला में पदस्थ शिक्षक गुलाब राय पटेल का निवास बाराडोली है. दोनों शिक्षक शिक्षिका को अपने निवास ग्राम से दो किलो मीटर दूर स्कूल जाना भी पसंद नहीं आया तब दोनों शिक्षक- शिक्षिका ने युक्ति युक्तिकरण एवं आपसी ट्रांसफर के शासन के आने वाले आदेश का इंतजार किए बिना अपने- अपने गृहग्राम के स्कूलों में व्यवस्था करा ली . प्राथमिक शाला बाराडोली में दर्ज संख्या 99 है एवं 4 शिक्षक पदस्थ हैं तथा ग्राम नवागांव में बच्चों की दर्ज संख्या 75 है तथा 3 शिक्षक हैं . इसके अलावा शा.प्राथमिक शाला करनापाली में पदस्थ शिक्षक जगजीवन राम पटेल को करनापाली से उनके निवास ग्राम भंवरचुवां के मिडिल स्कूल में व्यवस्थाकी गई है . यहां यह बताना लाजिमी होगा कि उक्त शिक्षक को किसी भी तरह से लाभ दिलाने के उद्देश्य से जब देखा गया की भंवरचुवां प्राथमिक शाला मैं दर्ज संख्या 95 है तथा कुल 5 शिक्षक हैं इसलिए प्राथमिक शाला में जगजीवन राम का व्यवस्था हो पाना संभव नहीं है तब प्राथमिक शाला के शिक्षक की मिडिल स्कूल में व्यवस्था कर दी गई . जबकि मिडिल स्कूल में मात्र 45 छात्र हैं तथा 2 शिक्षक पहले से मौजूद हैं. अपने निवास स्थान कोटेदरहा से लगभग 25 किलो मीटर दूर बसना के शासकीय कन्या प्राथमिक शाला में पदस्थ कुमारी सिंधु देवी दीवान स. शि. नगर निकाय को नियम विरुद्ध आदेश जारी कर नगर पंचायत के शिक्षक की ग्रामीण क्षेत्र के उनके गृह ग्राम कोटेनदरहा की शा.प्रा.शाला में व्यवस्था की गयी है . जबकि इस विद्यालय में दर्ज संख्या 72 है तथा दर्ज संख्या के हिसाब से पर्याप्त 3 शिक्षक पहले से पदस्थ हैं. कुमारी सिंधु दीवान के बाद अब इस विद्यालय में कुल 4 शिक्षक हो जाएंगे. जबकि संकुल केंद्र बिछिया के अंतर्गत आने वाले ग्राम कोटेनदरहा के निकट वाले गांव बेंदारी , बिजराभाठा एवं हरिलछापर के शासकीय प्राथमिक शाला एक शिक्षकीय हैं यहां शिक्षक की व्यवस्था किया जाना उचित नहीं समझा गया।