जिला प्रशासन ने जारी किया लिंक चिटफंड कंपनी से ठगा धन वापस चाहिए तो करना होगा आनलाइन आवेदन
राजधानी में दिव्यानी प्राइवेट लिमिटेड चिटफंड कंपनी के निवेशकों को अब फिर से ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके लिए जिला प्रशासन नें वेब लिंक जारी कर जानकारी भरने को कहा है। कंपनी के ठगे गए तकरीबन 16 हजार लोगों को फिर से आवेदन करना होगा। रायपुर जिले की चार तहसीलों में 5 अगस्त से 20 अगस्त 2021 तक आवेदन लिए गए थे। आवेदन जमा करने के लिए तहसील कार्यालय में अनियंत्रित भीड़ जुट गई थी। आए आवेदनों की जांच में पांच माह लग गए। जिला प्रशासन रायपुर द्वारा आवेदनों की जांच करने में पाया कि उनमें में बैंक खाता नंबर, निवेश राशि, घर का पता सही नहीं भरा गया है। आधे-अधूरे आवेदन होने के कारण धन वापसी की प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकती है। इस वजह से जिला प्रशासन ने इसके लिए ऑनलाइन आवेदन https://niveshaknyay.com पर करने के लिए कहा है। दिव्यानी कंपनी की संपत्ति बेचकर चार करोड़ 14 लाख 96 हजार 500 रुपए जिला प्रशासन को मिले हैं। तकरीबन 16 हजार 200 निवेशकों के खाते में उनके निवेश किए गए धन की तकरीबन 21 फीसदी राशि वापस किया जाना है।
मिल रही है इस तरह की कमी
आवेदनों निवेश की गई राशि की रसीद भी नहीं जमा की गई है।अवेदन में दिया गया नाम और पता, अन्य दस्तावेजों से अलग हैं।
– अधिकांश आवेदनों में बॉन्ड पेपर ही नहीं लगाया गया है।
– आवेदकों ने अपने परिचय पत्र व आधार नहीं लगाए हैं।
कई लोगों के मोबाइल नंबर गलत व बंद बताए जा रहे हैं।
– पासबुक की कॉपी नहीं दी गई है।
ऐसे करें आवेदन
– प्रथम पेज में निवेशक का पूरा नाम भरना है एवं अपना वह मोबाइल नंबर भरना है जो संबंधित तहसील कार्यालय में आवेदन करते समय भरा था।
– निवेशक का पूरा पता एवं जिला भरना है।
– जमा की गई कुल रकम की जानकारी एवं जमा की गई रकम की जितनी भी रसीद है, उन सबकी एक पीडीएफ फाइल बनाकर अपलोड करना है।
इसके बाद निवेश की गई रकम की कुल मैच्योरिटी परिपक्वता राशि जिसका बॉन्ड मिला है वो भरना है।
– बॉन्ड की कॉपी की पीडीएफ फाइल अपलोड करनी है।
– निवेशक के बैंक का नाम, आईएफएससी कोड एवं खाता क्रमांक भरना है।
– पासबुक का पहला पन्ना जिसमें निवेशक का नाम, बैंक का नाम, आईएफएससी कोड, खाता क्रमांक साफ-साफ लिखा हो वो अपलोड करना है।
19 करोड़ 32 लाख रुपए की ठगी
कंपनी के तकरीबन 19 करोड़ 32 लाख रुपए की ठगी कंपनी द्वारा रकम दोगुनी करने के नाम पर की गई थी। अब जिला प्रशासन के पास पूरी ठगी की तकरीबन 21.47 फीसदी राशि मिल गई है। चार करोड़ 14 लाख 96 हजार 500 रुपए सभी 16 हजार 200 लोगों को उनके निवेश का तकरीबन 21 फीसदी राशि वापस की जाएगी। ऑनलाइन आवेदन करने के बाद निवेशकों को उनका डूबा हुआ पैसा सीधे खातों में आएगा।
अब तक धन वापसी में राजनांदगांव जिला अव्वल रहा है। निवेशकों के बीच विरोध न हो, इसलिए एक रेसियो तय करके धन वापसी की गई है। राजनांदगांव के एडीएम सीएल मारकंडेय ने बताया धन वापसी के दौरान कई समस्याएं भी आई थी। 20 फीसदी आवेदकों जो खाता क्रमांक और आईएफएससी कोड दिए थे वो गलत निकले। प्रशासन ने पूरी राशि लीड बैंक को दे दी थी। इसके अलावा निवेशकों की जानकारी भी दी थी। निवेशकों के आवेदनों में दिए मोबाइल नंबर भी गलत मिले थे। जिसके बाद आवेदनों मे लिखे पते पर स्थानीय पुलिस थाने के माध्यम से जानकारी भेजी गई।
इसके बाद भी कुछ निवेशकों को अब तक रेकार्ड नहीं मिला। मोबाइल नंबर नहीं मिला तो फिर करना पड़ेगा आवेदन आवेदनों की ऑनलाइन एंट्री कर ली गई है। जो लोग आवेदन में मोबाइल नंबर डाले थे उसी से आवेदन आगे कर पाएंगे। अधिकारियों का कहना है कि आवेदन में बहुत ही कमियां मिलने के कारण यह निर्णय लिया गया। जिन लोगों के मोबाइल नंबर भी आवेदन में गलत लिखे गए थे और ऑनलाइन आवेदन नहीं कर पा रहे हैं उन्हें फिर से तहसील में आवेदन देना पड़ सकता है।