खुड़मुड़ा मर्डर कांड : जमीन के लिए जल्लाद बना बेटा भाई की गर्दन तोड़ी, तो बाप को रॉड से मारा भाभी को जमीन पर पटका

रायपुर (काकाखबरीलाल). खुड़मुड़ा मर्डर केस पर सस्पेंस का पर्दा आखिरकार दुर्ग पुलिस ने आज उठा ही दिया। हालांकि पहले ही ये खबरे सामने आ चुकी थी कि हत्यारा कोई और नहीं बल्कि बेटा गंगाराम है। आज पुलिस ने इस खबर पर मुहर लगा दी है। गंगाराम ने ही अपने तीन साथियों के साथ मिलकर इस हत्याकांड को अंजाम दिया था। पुलिस ने इस मामले में गंगाराम के तीन साथी नरेश सोनकर, योगेश सोनकर और रोहित को गिरफ्तार कर लिया हैं। दुर्ग आईजी विवेकानंद सिन्हा, एसपी प्रशांत ठाकुर और एएसपी रोहित झा की मौजूदगी में इस पूरे मामले का खुलासा किया।
मृतक बालाराम सोनकर के पास 6 एकड़ जमीन थी। सवा-सवा एकड़ जमीन का बंटवारा किया गया था, जबकि बाकी जमीन बालाराम ने खुद अपने पास रखी थी। आरोपी गंगाराम सोनकर का बंटवारे की जमीन पर रास्ते को लेकर परिवार में विवाद होता था। गंगाराम अपनी सवा एकड़ भूमि कृषि भूमि में आने-जाने के लिए रास्ता देने की मांग करता था। मां दुलारी बाई और भाई रोहित इस बात का विरोध करते थे। साथ ही गंगाराम सोनकर के हिस्से की कृषि भूमि सोमनाथ के नाम से होने से सोसाइटी में धान बेचने के लिए ऋण पुस्तिका नहीं देने पर भी विवाद होता था। जिसके बाद गंगाराम ने अपने परिवार को मौत के घाट उतारने की साजिश रची ।
घटना के कुछ दिन पहले गंगाराम और परिवार के अन्य लोगों में काफी लड़ाई हुई थी। जिसके बाद गंगाराम ने अपने साथी नरेश, योगेश और रोहित के साथ मिलकर मर्डर की प्लानिंग की। प्लान के मुताबिक चारों बालाराम के घर के पास जाकर छुप गये। हत्यारों ने सबसे पहले रोहित को पकड़ा। वो सब्जी का बोरा लेकर आया तो चारों ने मिलकर उस पर वार किया। टंकी के पास रोहित का हत्यारों ने उसके गर्दन को मरोड़कर तोड़ दिया। और शव को टंकी में डाल दिया। बालाराम ने हत्यारों को रोकने की कोशिश की, तो उसके सर पर भारी चीज से वार कर दिया और फिर गला दबाकर हत्या कर दी और टंकी में उसके भी शव को डाल दिया। उसी तरह बालाराम की पत्नी दुलारी की भी गला दबाकर हत्या की गयी और फिर जब शोर सुनकर कीर्तन बाई बाहर आयी तो उसे भी मार डाला।
21 दिसंबर को पाटन के खुड़मुड़ा में एक ही परिवार के 4 लोगों का शव मिला था। वारदात के 1 महीने तक कोई सुराग नहीं मिला तो 19 जनवरी को आईजी विवेकानंद सिन्हा ने जांच टीम को बदलकर नये सिरे से जांच करायी थी। जिसके बाद पुलिस ने नार्को टेस्ट सहित अन्य वैज्ञानिक जांच पहलुओं का सहारा लिया गया और फिर पुलिस ने साक्ष्य बटोरने के बाद मर्डर केस का खुलासा किया।