महासुमंद

महासमुंद : शुरू की जाएगी एमबीबीएस के पहले बैच की पढ़ाई

मेडिकल कॉलेजों में स्टेट कोटा से एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश की प्रक्रियाएं 17 अक्टूबर से शुरू हो गई हैं। इसे देखते हुए हाल में मान्यता प्राप्त करने वाले महासमुंद शासकीय मेडिकल कॉलेज में भी तैयारियां तेज हो गई हैं। हालांकि लाइवलीहुड कॉलेज परिसर स्थित निर्मित हॉस्टल परिसर अभी तक अपने नए और पहले बैच के लिए तैयार नहीं हो पाया है। अभी भी कई कार्य जारी हैं।

वहीं ऑल इंडिया कोटा के तहत महासमुंद जीएमसी की 15 सीटें पहले ही निर्धारित हो गई हैं। इसमें ओपन कैटेगरी के 7, जनरल ईडब्लूएस के 1, 4 ओबीसी, 2 एससी और एक एसटी की सीटें निर्धारित की गई हैं। अब बांकी की सीटों के लिए 17 अक्टूबर से स्टेट कोटा के तहत एडमिशन प्रक्रिया शुरू हुई है। इसके तहत पहले चरण में 25 अक्टूबर तक प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया है।

इधर प्रवेश प्रक्रियाओं के शुरू होने के बादक कुछ पालमंगलवार को महासमुंद जीएमसी के संसाधन और सुविधाओं की जानकारी लेने पहुंचे। उन्हें अभी भी प्रबंधन की अधूरी तैयारियां ही नजर आईं। हालांकि प्रबंधन 15 नवंबर नए सत्र की शैक्षणिक गतिविधियां शुरू होने वाले दिन तक सभी तैयारियां पूरी करने की बात कह रहा है।

मंगलवार को 5 पालक कॉलेज पहुंचे और जानकारी ली। उन्हें लाइवलीहुड कॉलेज परिसर में बने हॉस्टल में उगी घास, फर्नीचर, जैसी कमियां नजर आईं। हालांकि प्रबंधन ने उनसे एकेडमिक सत्र के शुरू होने से पहले सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त कर लिए जाने की बात कही।

इधर महासमुंद मेडिकल कॉलेज को मान्यता प्राप्त होते ही स्थाई भवन की मांग बढ़ गई है, लेकिन सीजीएमएससी ने इस संबंध में अभी तक कोई ठोस पहल नहीं की है। बता दें कि खरोरा में लगभग 100 एकड़ की जगह महासमुंद जीएमसी के लिए दी है और राजस्व विभाग ने इसका सीमांकन भी महीनों पहले कर लिया है। साथ ही बिल्डिंग निर्माण के लिए केंद्र प्रवर्तित योजना के तहत कॉलेज के लिए 325 करोड़ रुपए मंजूर किए गए थे।

इसके बाद अभी तक इसकी टेंडर प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है। जानकारों का कहना है कि यदि फंड मिलने के बाद भी टेंडर किया जाता तो बिल्डिंग का काफी हिस्सा अब तक बन जाता। केंद्र प्रवर्तित योजना के तहत 60 फीसदी केंद्र व 40 फीसदी राशि राज्य सरकार देती है।

कलेक्टर के पास पहुंचा कॉलेज प्रबंधन

बता दें कि एमबीबीएस फर्स्ट इयर में एनाटॉमी, बायो केमेस्ट्री व फिजियोलॉजी की पढ़ाई होती है। इसके लिए लेक्चर हॉल, बॉडी डिटेक्शन हॉल, लैब जैसी सुविधाएं जरूरी हैं। महासमुंद मेडिकल कॉलेज में तो लैब, लेक्टर हॉल अलग-अलग बिल्डिंग में बनाई गई है। इसके तहत कुछ हिस्सा जीएनएम बिल्डिंग और कुछ हिस्सा लाइवलीहुड कॉलेज परिसर में बनाया है। ऐसे में कॉलेज का पहला बैच बहुत ही परेशानियों के साथ चिकित्सकीय पढ़ाई करेगा।

बिजली और पानी के लिए चल रहा काम

बता दें कि लाइवलीहुड कॉलेज में बिजली के लिए ट्रांसफार्मर लगाने का काम चल रहा है। साथ ही पुराने जल स्राेत की मरम्मत कर स्टूडेंट्स के लिए पानी की तत्कालिक व्यवस्था करने का प्रयास चल रहा है। मंगलवार को तैयारियों में विभिन्न प्रकार की मदद को लेकर कॉलेज प्रबंधन कलेक्टर से मिलने पहुंचे थे, जिन्होंने भी मदद का आश्वासन दिया है।

कलेक्टर के पास पहुंचा कॉलेज प्रबंधन

बता दें कि एमबीबीएस फर्स्ट इयर में एनाटॉमी, बायो केमेस्ट्री व फिजियोलॉजी की पढ़ाई होती है। इसके लिए लेक्चर हॉल, बॉडी डिटेक्शन हॉल, लैब जैसी सुविधाएं जरूरी हैं। महासमुंद मेडिकल कॉलेज में तो लैब, लेक्टर हॉल अलग-अलग बिल्डिंग में बनाई गई है। इसके तहत कुछ हिस्सा जीएनएम बिल्डिंग और कुछ हिस्सा लाइवलीहुड कॉलेज परिसर में बनाया है। ऐसे में कॉलेज का पहला बैच बहुत ही परेशानियों के साथ चिकित्सकीय पढ़ाई करेगा।

बिजली और पानी के लिए चल रहा काम

बता दें कि लाइवलीहुड कॉलेज में बिजली के लिए ट्रांसफार्मर लगाने का काम चल रहा है। साथ ही पुराने जल स्राेत की मरम्मत कर स्टूडेंट्स के लिए पानी की तत्कालिक व्यवस्था करने का प्रयास चल रहा है। मंगलवार को तैयारियों में विभिन्न प्रकार की मदद को लेकर कॉलेज प्रबंधन कलेक्टर से मिलने पहुंचे थे, जिन्होंने भी मदद का आश्वासन दिया है।

काका खबरीलाल

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