महांसमुद : युक्रेन में फंसे जिले के छात्रों ने बताया आपाबीती
रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग में महासमुंद जिले के दो छात्र फंसे हुए हैं। यूके्रन के अलग-अलग शहर स्थित कालेज में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए गए हैं, लेकिन युद्ध की विभीषिका झेल रहे हैं। दोनों के परिजन सरकार से अपने बच्चों की शीघ्र वापसी के लिए गुहार लगा रहे हैं। एक छात्र शिवम के परिजन थोड़ी थोड़ी देर उनसे बातचीत की कोशिश करते हैं, लेकिन फोन की बैटरी किसी तरह बची रहे इसलिए शिवम एक दो शब्द बोलकर ही फोन काट देते हैं। शिवम कॉलेज कैम्पस से बाहर मेट्रो में फंसे हुए हैं और उनके पास खाने के सामान खत्म होने के कगार पर हैं। जबकि दूसरा छात्र महेश नायक इस वक्त अपने कॉलेज परिसर में ही प्राचार्य और अन्य छात्रों के साथ किसी तरह सुरक्षित बाहर निकलने का इंतजार कर रहे हैं।
एमबीबीएस की पढ़ाई करने यूक्रेन गए सरायपाली निवासी छात्र महेश पिता रामो नायक डेनीपर शहर में फंसा है और दूसरा छात्र शिवम पिता अशोक साहू साकिन ग्राम कुटेला, खारकीव में। महेश नायक से मोबाइल पर हुई बातचीत में उन्होंने बताया-बेटे ने जानकारी दी है कि जंग के शुरुआती दिनों में डेनीपर से लगभग 20-25 किमी दूर शहर के बाहरी इलाके में तीन बम गिरने की खबर लगी, धमाका भी सुनाई दी। जिसके बाद से वह अपने कॉलेज के हॉस्टल में ही है। हालांकि डेनीपर शहर जंग से ज्यादा कुछ प्रभावित नहीं हुआ है। उसेक पास सप्ताहभर से अधिक का खाना स्टोर है लेकिन अन्य भारतीय छात्र खराब परिस्थितियों में फंसे हुए हैं। उनके कई दोस्त तो दो दिनों से बिस्किट के सहारे ही मेट्रो में अपना दिन बिता रहे हैं। बेटे ने चिंता नहीं करने के लिए हमें आश्वश्त किया है। कॉलेज के प्राचार्य और सभी कर्मचारी भी उनके साथ हैं। एंबेसी से भारत लौटने के संबंध में कॉन्फ्रेंस भी हुई है और साथ-साथ बाहर निकलने के लिए तैयार रहने की बात कही है। वर्तमान में महेश पांचवे साल के दूसरे सेमेस्टर में है और सब कुछ ठीक रहा तो सालभर की पढ़ाई के बाद वह डॉक्टर बन जाएगा।
वहीं सरायपाली क्षेत्र के ही कुटेला चौक निवासी अशोक कुमार साहू का पुत्र शिवम साहू भी यूक्रेन के खारकीव शहर में फंसा हुआ है। शिवम के बड़े भाई राजेश साहू के मुताबिक कि उसका भाई शिवम लगभग चार साल से युक्रेन में है। जंग के शुरुआती दिनों से ही शहर के मेट्रो स्टेशन के अंदर फंसा हुआ है। शिवम खारकीव इंटरनेशन स्कूल से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है। इन दिनों उसकी चिंता पूरे परिवार को हो रही है क्योंकि खारकीव भी जंग में काफी प्रभावित हुआ है। उनकी वापसी के लिए भी हम लगातार एंबेसी के अधिकारी से लगातार बात कर रहे हैं और सरकार जल्द से जल्द उन्हें सुरक्षित लाने के लिए निवेदन कर रहे हैं। शिवम के पिता रामो नायक थोड़ी-थोड़ी देर में बेटे से बात करते हैं। शिवम अपने फोन की बैटरी बचाने के लिए समय पर ही सीमित कॉल कर रहा है, ताकि समय आने पर उसका उपयोग हो सके। शिवम का बड़ा भाई राजेश साहू जिला परियोजना अधिकारी के तौर पर शासकीय सेवा दे रहे हैं और उनके पिता अशोक साहू व्यवसायी हैं।