खरसियाछत्तीसगढ़

ओह ! तो क्या मंत्री जी को सत्ता रहा लालबत्ती जाने का डर..? राहुल गांधी ने आखिर क्यों किया कांग्रेस के गढ़ कहे जाने वाले खरसिया का दौरा…! प्रवीण विजय जायसवाल ने आखिर इसको लेकर क्या कहा?

    ओह ! तो क्या मंत्री जी को सत्ता रहा लालबत्ती जाने का डर..?
    राहुल गांधी ने आखिर क्यों किया कांग्रेस के गढ़ कहे जाने वाले खरसिया का दौरा…!
    प्रवीण विजय जायसवाल ने आखिर इसको लेकर क्या कहा?

काकाखबरीलाल@ खरसिया। छत्तीसगढ़ में चुनावी सरगर्मी जोरों पर है उसी बीच बड़े नेताओं का लगातार छत्तीसगढ़ में दौरा किया जा रहा है। इसी तारतम्य में आज शनिवार को राहुल गांधी रायगढ़ के खरसिया विधानसभा पहुँचे थे और कांग्रेस को जिताने की अपील के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा किया। कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले खरसिया में आखिर राहुल गांधी का आना महज सामान्य नहीं लग रहा है एक तरफ अपने ही गढ़ में राष्ट्रीय नेता का दौरा कहीं न कहीं कांग्रेस को डर साफ दिखाई दे रहा है। बता दें कि उमेश पटेल को कांग्रेस ने फिर से प्रत्याशी बनाया है और भाजपा ने महेश साहू पर विश्वास जताया है लेकिन इसी बीच खरसिया के बहुचर्चित विजय जायसवाल ने भी आम आदमी से अपने बेटे प्रवीण विजय जायसवाल को इस चुनावी समर में उतारा है कहा जा रहा है कि विजय जायसवाल खरसिया विधानसभा में स्व. नंदकुमार पटेल के बेहद करीबी रहें है पिछेल 20 साल तक उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर साथ चले थे लेकिन उनके चले जाने के बाद विजय जायसवाल धीरे – धीरे कांग्रेस से अपना साथ छोड़ते आये पिछले चुनाव में उन्होंने उमेश पटेल को अपना आशीर्वाद दिया था लेकिन अब इस बार पूरी तरह से कांग्रेस को नकारकर खुद चुनाव लड़ रहे हैं जिसे लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा बना हुआ है। साथ ही राजनीतिक दिग्गजों की माने तो कांग्रेस को खरसिया विधानसभा में विजय जायसवाल के चुनावी समर में आ जाने से खरसिया का चुनावी समीकरण बिगड़ने वाला है साथ ही मुकाबला काफी टक्कर का लग रहा है।

    मंत्री जी की लालबत्ती अब रुकने वाली है, डर सता रहा है इसीलिए दिल्ली से बड़े नेताओं को बुलाना पड़ रहा है – प्रवीण विजय जायसवाल

इसी बीच आम आदमी पार्टी के प्रवीण विजय जायसवाल ने आज राहुल गांधी के खरसिया दौरे को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मंत्री जी को अपने लालबत्ती का डर सताने लगा है, उनकी हाव भाव से डर साफ झलक रहा है । मंत्री जी को अब खरसिया सीट का डर सताने लगा है जिसको लेकर अब बड़े बड़े नेताओं को दिल्ली से आना पड़ रहा है। आगे उन्होंने कहा कि अब खरसिया की जनता जाग गयी है इनको पता है यह राजतंत्र नहीं लोकतंत्र है अब राजा का बेटा राजा नहीं बनेगा राजा वही बनेगा जो योग्य होगा.. जो जनता की सेवा करेगा, जो गरीबों की बात करेगा जो क्षेत्र का विकास करेगा। अब खरसिया को मेरे सपनों का शहर बनाने का समय आ गया है आगामी 03 दिसम्बर को यह साफ हो जाएगा। खरसिया की आमजन इस बार बदलाव करने जा रहें हैं।
आखिर कौन है विजय जायसवाल जिनका खरसिया में चलता है सिक्का…मिलते है अपने अगले लेख में…@बने रहें काकाखबरीलाल पर….

काका खबरीलाल

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