पिथौरा में बह रही भक्ति रस की गंगा
नंदकिशोर अग्रवाल
काकाखबरीलाल,पिथौरा नगर। पिथौरा के रामसागर पारा में बह रही श्री भागवत कथा की ज्ञान गंगा। पिथौरा में 9 फरवरी से कथा वाचक ग्राम तेंदुकोना के श्री भागीरथी जी महाराज के द्वारा श्री भागवत का कथा वाचन किया जा रहा है।जिसका आयोजन मुहल्ले के कृष्णा महिला मंडल के सदस्यों द्वारा किया जा रहा है। आज कथा में सुदामा चरित्र का वर्णन किया गया। कथा में श्री कृष्ण तथा सुदामा की दोस्ती तथा कृष्ण सुदामा का मिलन का मार्मिक वर्णन करते हुए आचार्य श्री ने कहा की आज भी पुराने समय की बात प्रासंगिक है।कि दोस्ती सब रिश्तों से बड़ी है।कथा को आगे बढ़ाते हुवे कहा कि भागवत कथा मनुष्य को तथा समाज को बुराई से दूर रहने को प्रेरित करता है अतः इंसान को भागवत कथा का श्रवण जरूर करना चाहिये। आज के ही दिन प्रभु श्री कृष्ण भी बहिलिये को जरिया बना कर अपने देव लोक गमन की कथा का वर्णन किया।कथा के बीच में ही परीक्षत कथा का भी वाचन किया।समाज मे फैली बुराई भ्रूण हत्या का भी विरोध कथा के बीच में किया। तथा आज के परिवेश में गायों की दुर्गति पर भी चिन्ता ब्यक्त करते हुवे गौसेवा हेतु कथा के माध्यम से आचार्य श्री ने आह्वान किया। कथा के मध्य में श्री कृष्ण सुदामा की मनमोहक झांकी भी निकाली गई। कथा श्रवण करने हेतु गांव वालों के साथ साथ बाहर से भी बड़ी संख्या में लोग पहुचें हुवे थे।कथा को सफल बनाने में आचार्य जीके साथ परमेश्वरी धाम के श्री जयवर्धन महारज, गेंद महाराज जी, जी कृष्णा महाराज जी भी साथ दे रहे थे। भागवत कथा को संगीतमय बनाने में लमकेंनी के राम प्रवेश का विशेष योगदान रहा।